- देश के सभी कोनों से सपत्निक एलुमनाई हुए शामिल
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि संकाय प्रेक्षागृह में गुरुवार को देश के प्रतिष्ठित गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (पंतनगर) के 1977 बैच के एलुमनाई का एल्मुनी मीट-सह-रांची मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय समारोह में देश के सभी कोनों से आये करीब 80 से अधिक एलुमनाई ने सपत्नी भाग लिया। समारोह का उद्घघाटन कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने किया। मौके पर 1977 बैच के दिवगंत 28 एलुमनाई को दो मिनट का मौन रखकर दिवगंत आत्मा की शांति की कामना की गयी।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भारत का पहला एवं देश का सबसे प्रतिष्ठित कृषि विश्वविद्यालयों में से एक है। हमारा सौभाग्य है कि इस विश्वविद्यालय के 1977 बैच का मैं भी छात्र रहा हूं। इस बैच के छात्र कृषि सेवा, कृषि वैज्ञानिक सेवा, कृषि शिक्षा सेवा, उर्वरक कंपनी, प्राइवेट सेक्टर, बैंकिंग सेक्टर एवं उद्यमी के रूप में देश के सभी कोनों में अपनी सेवा दे रहें है।
बहुतायत एलुमनाई सेवानिवृत्त होकर भी आज समाज में अपना योगदान दे रहें है। उन्होंने कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में इनकी मौजूदगी छात्रों और वैज्ञानिकों के लिए एक सुनहरा अवसर है। बीएयू के छात्र एवं वैज्ञानिक भी मेधावी और परिश्रमी है। इनके अनुभवों से राज्य कृषि को नया आयाम देने की कोशिश को बल मिलेगा।
एग्रीबायोज- 1977 बैनर तले पंजीकृत इस एलुमनाई संस्था के अध्यक्ष बीडी सुयल ने बताया कि विश्वविद्यालय के 1977 के 158 छात्र-छात्राओं में 122 लोग एक-दूसरे से जुड़े हैं। प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने रांची मिलन समारोह के आयोजन के लिए बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह का आभार जताया।
समारोह का संचालन करते हुए संघ के सचिव केके नायल ने कहा कि यह क्षण पारिवारिक दायित्व के अलावा जीवन को जीने का बेहद खास अवसर है। समारोह में इस दो पल की ख़ुशी से जीवन जीने का मनोबल बढ़ेगी और कृषि क्षेत्र में बेहतर योगदान देने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर उन्होंने सपत्नी मौजूद सभी एलुमनाई का परिचय कराया।
मौके पर कृषि क्षेत्र के लीक से हटकर कार्यों से जुड़े एलुमनाई दुष्यंत, के सुरेश एवं पंडिता ने अपनी सफलता के अनुभवों से अवगत कराया। देर शाम आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में सबों ने गीत, संगीत, कविता एवं नृत्य के माध्यम से अपनी प्रतिभा प्रस्तुत की। श्रीमति शैल सिंह ने अपनी कविताओं एवं गीतों से सबों को काफी प्रभावित किया।
पंतनगर कृविवि एलुमनाई ने कृषि संकाय के छात्रों से अपने अनुभवों को साझा किया
एल्मुनी मीट –सह- रांची मिलन समारोह के दौरान बीएयू के कृषि संकाय के यूजी, पीजी एवं पीएचडी में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने बड़ी संख्या में अंतरमिलन समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर एग्रीबायोज – 1977 के एलुमनाई दुष्यंत कुमार, एसबी प्रसाद, केके नायल, बीडी सुयल, आरबी सिंह एवं मुकेश शर्मा ने छात्र-छात्राओं की शंकाओं एवं विचारों का समाधान बताया। एलुमनाई दल ने छात्रों को अपने अनुभव के आधार पर केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालय, कृषि अनुसंधान एवं प्रसार, प्राइवेट सेक्टर, उर्वरक कंपनी एवं बैंकिंग क्षेत्र के संभावनाओं और प्लेसमेंट एवं इंटरव्यू की बारीकी पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि कोविड – 19 आपदा के समय देश की अर्थव्यवस्था को कृषि क्षेत्र ने स्थायित्व प्रदान किया। बदलते वैश्विक परिवेश में कृषि का महत्त्व काफी बढ़ गया है। कृषि स्नातक कृषि उद्यमी बनकर एक बेहतर आजीविका अपना सकते और लोगों को रोजगार दे सकते है। देश में कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन से निर्यात की काफी संभावनाएं है। वैश्विक तौर पर आने वाला कल कृषि शिक्षा का है। इसका भविष्य बेहद उज्ज्वल होगा।
अंतरमिलन समारोह का संचालन शशि सिंह ने की। मौके पर डीन एग्रीकल्चर डॉ डीके शाही, डायरेक्टर रिसर्च डॉ पीके सिंह एवं डॉ नीरज कुमार भी मौजूद थे।