बीएयू में ‘कृषि आधुनिकीकरण से आय में वृद्धि’ थीम पर 3 फरवरी से किसान मेला

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  • लगाए जाएंगे 143 स्टॉल 

रांची। बिरसा कृषि विश्‍वविद्यालय में किसान मेला 3 से 5 फरवरी तक लगेगा। इसमें कृषक समुदाय को कृषि, पशुपालन, वानिकी, जैवप्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्यपालन, डेयरी प्रौद्योगिकी, कृषि यंत्रीकरण आदि की नवीनतम तकनीकों से अवगत कराया जाएगा। किसान मेला का आयोजन विश्वविद्यालय के कांके स्थित मुख्य प्रांगण में किया जा रहा है। यह जानकारी 1 फरवरी को प्रेस को बीएयू के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने दी।

मेले में 143 स्‍टॉल होंगे

मेला में राज्य के किसान, विकास पदाधिकारी, खाद, बीज, उर्वरक, कीटनाशक, कृषि यन्त्र आदि के निर्माता-बिक्रेता, बैंक, वित्तीय संस्थान, स्वयंसेवी संस्थायें और आइसीएआर के  शोध संस्थान भाग लेंगे। विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों के अलावा प्रतिभागी संस्थाएं 143 स्टालों पर अपनी प्रौद्योगिकी, सेवाओं और उत्पादों को प्रदर्शित करेंगी। इस वर्ष मेला का थीम ‘कृषि आधुनिकीकरण द्वारा आय में वृद्धि’ रखा गया है।

14 थीमेटिक पंडाल

बीएयू के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने बताया कि 3 फरवरी को उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम होंगे। 5 फरवरी को समापन समारोह के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो होंगे। मेला परिसर में विश्वविद्यालय के 14 थीमेटिक पंडाल, सरकारी संस्थाओं के 27 पंडाल और व्यावसायिक 76 पंडाल रहेंगे।

मोटे अनाजों का स्‍टॉल

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मिलेट्स घोषित किया गया है। इसलिए इस मेला में मोटे अनाजों को समर्पित एक विशेष स्टाल लगाया जा रहा है। वहां मिलेट्स के गुणों, उनकी उत्पादन तकनीक और उनसे निर्मित विभिन्न प्रसंस्कृत उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि लोग जान सकें कि मोटे अनाजों से स्वास्थ्य को क्या फायदे हैं।

सेमिनार-कार्यशाला होंगे

विश्वविद्यालय में चल रही मिलेट्स सम्बन्धी अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के साथ-साथ बीएयू के नियंत्रणाधीन कार्यरत कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्रों में भी वर्ष भर मिलेट्स पर विविध जागरुकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे। सेमिनार-कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा।

बागवानी प्रदर्शनी

फल, फूल, सब्जी, मसाले, तथा औषधीय एवं सुगंधित पौधों से युक्त एक भव्य बागवानी प्रदर्शनी तथा गोवंश, भैंस, भेड़, बकरी, सूकर, मुर्गी, बत्तख आदि से युक्त पशु-पक्षी प्रदर्शनी का भी आयोजन इस तीन दिवसीय मेला में किया जाएगा। मेला के दूसरे दिन 4 मार्च को महिला कृषक संगोष्ठी होगी। कैंसर को लेकर जागरुकता कार्यक्रम भी होगा।

ये भी थे मौजूद

इस अवसर पर निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ जगरनाथ उरांव, निदेशक अनुसंधान डॉ एसके पाल, अधिष्ठाता पशुचिकित्सा डॉ सुशील प्रसाद, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर संकाय डॉ एमके गुप्ता और कुलसचिव डॉ नरेंद्र कुदादा भी उपस्थित थे।