- बीएयू के एग्रोटेक किसान मेला का समापन, पूरे राज्य से 50 हजार से अधिक किसानों ने लिया भाग
रांची। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्रनाथ महतो ने कहा कि स्थानीय किसान दुनिया के अन्य देशों से अधिक मेहनती हैं। हमारे किसान ज्यादा श्रम करते हैं, लेकिन उन्हें अपनी कृषि लागत का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। किसान खेती से विमुख हो रहे है। ऐसे में किसानों को अधिक सम्मान देने, कृषि विज्ञान से जोड़ने और उनकी खेती-किसानी की बाधाओं और समस्यायों के त्वरित समाधान की आवश्यकता है। वे 5 फरवरी को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय एग्रोटेक किसान मेला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतििि बोल रहे थे।
तुरंत मुआवजा मिलना जरूरी
विधानसभा अध्यक्ष ने किसानों को फसल बर्बादी का तुरंत मुआवजा देने और फसलों का उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने की जरूरत बताई। कहा कि झारखंड सरकार किसानों के हित में अनेकों योजनाओं को कार्यान्वित कर रही है। सरकार फसल बर्बादी राहत योजना, कृषि ऋण की माफी, आशीर्वाद योजना, बीमा योजना और मुख्य मंत्री पशुधन योजना आदि कार्यक्रमों से किसानों का कल्याण करने का प्रयास कर रही है।
वैश्विक बाजार स्थापित करें
विधानसभा अध्यक्ष ने किसानों के कृषि ऋण का लचीला और मजबूत लिंक पर जोर दिया। विवि को किसानों और बैंक के साथ मजबूत लिंक स्थापित करने में सहयोग देने की अपील की। कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा मोटे अनाजों की खेती और आहार में बड़े पैमाने पर इनका उपयोग किया जाता था। ख़ुशी की बात है कि आजादी के अमृत वर्ष में मोटे अनाजों को पुनः बढ़ावा देने का प्रयास हो रहा है। मिलेट के संबंध में व्यापक प्रचार–प्रसार और वैश्विक बाजार स्थापित करने की जरूरत है। इससे स्थानीय किसानों को बढ़िया लाभ का अवसर मिलेगा।
किसान को सम्मानित किया
बीएयू वैज्ञानिक झारखंड के किसानों के उत्थान की दिशा में बढ़िया कार्य कर रहे है। प्रदेश के खेती-किसानी को आगे बढ़ाने की ओर सभी लगे है। राज्य के खेत– खलिहान की समृद्धि से ही झारखंड के विकास की परिकल्पना साकार होगी। मौके पर उन्होंने किसानोपयोगी हिंदी पत्रिका पठारी कृषि का भी विमोचन किया। उत्कृष्ट कृषि कार्यों के लिए किसानों में वीरेंद्र उरांव (टपक सिंचाई), ललन शर्मा (फल), राजेश बड़ाईक (बंजर भूमि) और शंभू (नर्सरी) को सम्मानित किया।
डेढ़ सौ पंडाल लगाये गये
अध्यक्षीय संबोधन में बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि मेला में करीब डेढ़ सौ पंडाल लगाये गये। मुख्य थीम पंडाल में केन्द्रीय विषय ‘कृषि आधुनिकीकरण से आय में वृद्धि’ पर आधारित अवयवों से किसानों को अवगत कराया गया। 14 विषयों के सब थीम पंडाल में पोषक अनाज एवं उनके मूल्य वर्धक उत्पाद, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, फसल उत्पादन एवं विविधिकरण,समेकित कृषि प्रणाली फसल सुधार एवं जैव प्रौद्योगिकी, पौधा संरक्षण, फसलोत्तर प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन, कृषि यंत्रीकरण एवं उर्जा प्रबंधन, प्रक्षेत्र उपकरण एवं मशीनरी के फार्म, कृषि सूचना प्रौद्योगिकी, के कृषि उच्च शिक्षा, औषधीय एवं सगंधित फसलें, वनोत्पाद एवं पशु चिकित्सा एवं पशुपालन प्रदर्श को प्रदर्शित किया गया।
उद्यान प्रदर्शनी आकर्षण
बटन मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 60 किसानों ने पंजीयन कराए। कृषि में ड्रोन तकनीक का कृषि में अनुप्रयोग का लाइव प्रदर्शन कराया गया। अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष पर मिलेट की उन्नत प्रौद्योगिकी और 40 से अधिक मूल्यवर्धित उत्पादों को प्रदर्शित कराया गया। मेला में उद्यान प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।
अग्रिम विवि बनाने की पहल करें
विशिष्ट अतिथि कांके विधायक समरीलाल ने राज्य के किसानों और कृषि हित में बीएयू को देश का अग्रिम कृषि विश्वविद्यालय की दिशा में पहल करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि मडुआ, गुंदली, कोदो जैसे मोटे अनाज झारखंड में सदियों से खेती और व्यवहार में रहे हैं। सौभाग्य की बात है कि अब पूरी दुनिया मिलेट्स का महत्व समझ रही है। इसे झारखंड की पहचान बढ़ेगी।
सभी जिलों से किसान आएं
धन्यवाद करते हुए निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ जगरनाथ उरांव ने बताया कि मेला में प्रदेश के सभी जिलों से लाखों की संख्या में महिला और पुरुष किसानों ने भाग लिया। किसानों की भागीदारी सुनिश्चित कराने में जिलों के केवीके, आत्मा, कृषि एवं स्वयंसेवी संस्थानों की प्रमुख भूमिका रही। मेला का कांके एवं इसके आस-पास के करीब सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने हजारों की संख्या में शिक्षकों संग अवलोकन किया।