मुंबई। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद साईबर ठगी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शातिरों की तरकीब के आगे सारी कोशिशें बेकार साबित हो रही हैं। देश में हर घंटे कोई न कोई साईबर ठगी का शिकार हो रहा है। ताजा मामला देश की आर्थिक राजधानी मुंबई का है। यहां घरों में काम करने वाली एक 54 साल की महिला के साथ ऐसा कुछ हो गया, जो उसके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था।
आशा दास नाम की इस महिला ने पार्ट टाइम नौकरी देने का दावा करने वाले एक ऑनलाइन रैकेट में अपनी पूरी जमा पूंजी गंवा दी। महिला बैंक में काम करने वाली अपनी बेटी की आर्थिक मदद करना चाहती थी, लेकिन वह इस रैकेट के चलते अपनी कुल जमा पूंजी गंवा बैठी।
पुलिस ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 7 फरवरी को आशा को वॉट्सऐप पर एक मेसेज आया जिसमें उसे पार्ट टाइम जॉब देने की बात कही गई। इस नौकरी में उसे सिर्फ यूट्यूब वीडियो को लाइक करना और चैनल सब्सक्राइब करना था। आशा ने ऐसे दो काम किये और बदले में उसे जरा सी रकम दी गई। जिसके चलते उसने आरोपी पर विश्वास कर लिया।
ओशिवारा पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, “आशा को तब कहा गया था कि अगर वह 2,000 का भुगतान करके उनके प्रीमियम समूह की सदस्य बन जाती है तो उसे अधिक रकम मिलेगी।
आशा ने ऐसा ही किया और उन्हें 2,800 का रिटर्न भी मिला, जिससे उनका भरोसा पुख्ता हो गया। इसके बाद, आरोपी ने उसे 5,000 से शुरू करके अधिक से अधिक राशि भेजने के लिए मना लिया। हर बार आरोपी ने उससे कहा कि वह उसका ‘रिटर्न’ तुरंत दे सकता है, लेकिन जितना अधिक वह ‘निवेश’ करेगी, उतना ही अधिक वह कमाएगी।
अधिकारी ने कहा कि कुछ घंटों में, लेनदेन की रकम 5,000 से बढ़कर 50,000 हो गई। जब आशा के पास पैसे खत्म हो गए, तो उसकी बेटी ने आरोपी से बात की, जिसने कहा कि जब तक और पैसे नहीं दिए जाते, तब तक कोई फंड जारी नहीं किया जाएगा। आखिरकार मां और बेटी को अहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है।
अधिकारी ने कहा, “कुल मिलाकर, आशा को एक ही दिन में 2.04 लाख का नुकसान हुआ। फिर उसने कुछ पारिवारिक मित्रों से सलाह ली और बुधवार शाम को हमसे संपर्क किया। हमने तुरंत सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की संबंधित धाराओं के साथ भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की।”