कोर्ट का इस मामले में बड़ा फैसला, आजम खान और बेटे अब्दुल्ला को दो-दो साल की सजा

उत्तर प्रदेश देश
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उत्तर प्रदेश। सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। 15 साल पुराने मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान और बेटा अब्दुल्ला आजम को कोर्ट से एक और झटका लगा है। एमपीएमएलए कोर्ट ने 2008 मामले में दोषी करार देते हुए पिता-पुत्र को दो-दो साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों में 2500-2500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

जिला शासकीय अधिवक्ता (अपराध) डीजीसी क्रीमनल नितिन गुप्ता ने सोमवार को बताया है कि एक फरवरी 2023 को मामले की बहस पूरी हो जाने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख कर अगली सुनवाई 13 फरवरी निर्धारित की थी। मुरादाबाद के स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में 29 फरवरी वर्ष 2008 में समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम सहित पार्टी के आठ नेताओं पर छजलैट थाने में चैकिंग के दौरान सरकारी काम में बाधा डालने, रोड जाम, लोगों को उकसाने, बवाल करने तथा हूटर के इस्तेमाल करने जैसे आरोपों में केस दर्ज हुआ था।

इस मामले में सपा नेता आज़म खान, बेटे अब्दुल्लाह आज़म, अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, पूर्व सपा विधायक हाजी इकराम क़ुरैशी (अब कांग्रेस में), बिजनौर के सपा नेता नईम उल हसन, सपा नेता डीपी यादव, सपा नेता राजेश यादव और सपा नेता राजकुमार प्रजापति आरोपी बनाए गए थे।

बता दें कि छजलैट में 2020 में दर्ज मुकदमे (174 ए) केस की छह जनवरी को सुनवाई थी। मुरादाबाद एमपी-एमएलए कोर्ट एसीजेएम-चार में सुनवाई चल रही है। मामले में आरेापी आजम खां छह फरवरी को कोर्ट में पेश हुए थे। बचाव पक्ष के अधिवक्ता सैयद शाह नवाज हुसैन का कहना था कि जनवरी, 2008 में दर्ज छजलैट प्रकरण की सुनवाई चल रही है। केस में हाजिर न होने पर अदालत ने आजम खां के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का मुकदमा कायम करने के आदेश दिए थे।

धारा 174 केस में सोमवार को सुनवाई थी। आजम खां कोर्ट पहुंचे। अपने बचाव पक्ष में बयान दर्ज कराएं। उन्होंने केस को राजनीति द्वेष से प्रेरित बताते हुए प्रकरण को झूठा बताया था। अब इस केस में बचाव पक्ष के गवाहों को बयान होंगे। विशेष लोक अभियोजक मोहन लाल विश्नोई का कहना है कि अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए 20 फरवरी निर्धारित की है।