जमशेदपुर। बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान कुलविंदर सिंह ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब सिखों की सिरमौर संस्था है। वहां के जत्थेदार सिंह साहब पंथ की आवाज, बुनियाद, सिद्धांत, मर्यादा और निशान के प्रतीक हैं।
कोई भी सच्चा सिख श्री अकाल तख्त साहिब और जत्थेदार की शान मर्यादा के खिलाफ सपने में भी नहीं सोच सकता है। पटना में कुछ उपद्रवियों द्वारा सिख पंथ की शान आन बान के प्रतीक जत्थेदार के सम्मान के खिलाफ बोला जा रहा है उनका पुतला जलाया गया है।
शायद पटना में रहने वाले वे उपद्रवी सिखों के शहादत- कुर्बानी भरे इतिहास की जानकारी नहीं रखते हैं। यदि सिख इतिहास के जानकार होते हैं सीख होने का जज्बा होता, तो श्री अकाल तख्त के जत्थेदार की शान के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलते। ना ही उनकी हिम्मत होती कि वे एक तनखैया आदमी को गुरु दरबार में ले जाने एवं मर्यादा का काम कराने की हिमाकत करते। उपद्रवियों ने सिख पंथ को दाग लगाया है और बिहार की सरकार और प्रशासन चुपचाप सोई हुई है।
बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार को पूरे सिख जगत में आदर के भाव के साथ देखा जाता है, परंतु हाल की घटना के कारण बिहार की बदनामी पूरे विश्व में हो रही है। बिहार सरकार सच्चे सिखों के सब्र का इम्तिहान नहीं ले यदि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने पटना चलने का आह्वान सिख संगत से कर दिया, तो फिर मामला सरकार और प्रशासन के हाथ से बाहर चला जाएगा और जो जत्थे पटने पहुंचेंगे वह शहादत देने ही जाएंगे और जो पतित हैं और उनका नेता महंत बना हुआ है, उससे छुटकारा दिलाएंगे।
किसी प्रकार की जान-माल की नुकसान होने की बदनामी भी बिहार सरकार के माथे पर ही लगेगी। समय रहते प्रशासन और उपद्रवियों पर लगाम कसे।