नई दिल्ली। कैंसर से अब किसी की भी मौत नहीं होगी। जी हां! आपने सही पढ़ा। आइए विस्तार से इसके बारे में जानें।
कैंसर की एक ऐसी वैक्सीन ईजाद की गई है, जिसके बाद इस खतरनाक बीमारी से होने वाली मौतों में 44 फीसदी तक कमी आ सकेगी। विशेषज्ञों की मानें, तो नई वैक्सीन कैंसर के इलाज में बड़ा विकल्प साबित हो सकती है।
इस नई वैक्सीन को उसी तकनीक से तैयार किया गया है, जिसका प्रयोग कोविड-19 की दवाई बनाने में मॉर्डना और फाइजर ने किया था। इस वैक्सीन के दूसरे चरण में इसे कीट्रूडा दवाई के साथ मिलाया गया था। इसके जो नतीजे आए उनसे साफ था कि इसकी वजह से स्किन कैंसर के दोबारा होने या मौत की आशंका में 44 फीसदी तक की कमी आई है।
इस वैक्सीन को 157 मरीजों को दिया गया था। ये मरीज कैंसर के मेलेनोमा कैंसर के तीसरे या फिर चौथे चरण से जूझ रहे थे। इलाज के बाद उनके ट्यूमर को सर्जरी करके हटा दिया गया था।
कैंसर रिसर्च से मिले आंकड़ों के मुताबिक यूके में हर साल 36 पुरुष और 47 महिलाएं अपने जीवन में कभी न कभी स्किन कैंसर से जरूर पीड़ित होते हैं। कीट्रूडा, एक एंटीबॉडी है, जिसे मेलेनोमा, फेफड़ों के कैंसर के अलावा सिर और गले के कैंसर के इलाज में प्रयोग किया जाता है। मॉर्डना और मेक के डॉक्टरों की मानें, तो नई वैक्सीन के नतीजे और mRNA के पहले प्रयोग की प्रभावशीलता कैंसर के क्लीनिकल ट्रायल का पहला सफल उदाहरण है।
इस स्टडी का प्रयोग व्यक्तिगत डोज के लिए किया गया था जोकि स्किन कैंसर में इम्यूनोथैरेपी की प्रभावशाीलता को बढ़ाती है। विशेषज्ञों ने mRNA-4157/V940 को इस तरह से तैयार किया है कि यह इम्यून सिस्टम के लिए प्रतिक्रिया देने वाली टी सेल्स को मजबूत कर सके।
अभी यह रिसर्च पहले चरण में है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसके नतीजे उत्साहवर्धक हैं। बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में एमआरसी सीनियर क्लीनिकल फेलो और कंसलटेंट कोलोरेक्टल सर्जन प्रोफेसर एंड्रयू बेग्स की मानें, तो यह एक गेम चेंजर वैक्सीन है, जिसे mRNA वैक्सीन टेक्नोलॉजी की मदद से तैयार किया गया है।
इस वैक्सीन की वजह से इम्यूनोथैरेपी वैक्सीन की प्रतिक्रिया काफी बढ़ जाती है और यह काफी खुशी की बात है। आने वाले समय में हो सकता है कि यह वैक्सीन इलाज का विकल्प हो जाए। मॉर्डना और मेरेक के डॉक्टर अब नियामक से संपर्क करेंगे। वो इसके नतीजे पेश करेंगे और इसके बाद तीसरा ट्रायल शुरू होगा। साथ ही दूसरे प्रकार के कैंसर के लिए भी इस वैक्सीन का प्रयोग बढ़ाए जाने पर भी चर्चा होगी।