- प्रतिनियुक्ति रद्द करने की हो रही कार्रवाई, स्थानांतरण नियमावली में हो गया संशोधन
रांची। झारखंड के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को एमएसीपी योजना का लाभ देने का प्रावधान नहीं है। अन्य कार्यों में लगाए गए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है। स्थानांतरण नियमावली में संशोधन कर दिया गया है। उक्त जवाब शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने विधानसभा में दिया। शिक्षकों से संबंधित सवाल बोकारो विधायक विरंची नारायण ने उठाया था।
बोकारो विधायक के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि बोकारो जिले में उत्क्रमित मध्य विद्यालय जामजोड़िया, चास के सहायक शिक्षक ऋषिकेश प्रसाद की प्रतिनियुक्ति जनगणना कोषांग में थी। प्रतिनियुक्त 16 दिसंबर, 2022 को रद्द कर दी गई है। उन्हें मूल पदस्थापित विद्यालय में अविलंब विरमित करने का आदेश उपायुक्त को दिया गया है। अन्य जिलों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के अनुरूप वित्त विभाग के संकल्प (संख्या 2981/ वि, दिनांक-01 सितंबर, 2009) के द्वारा राज्य कर्मियों को एमएसीपी योजना के अंतर्गत पूरे सेवा काल में तीन वित्तीय उन्नयन (एमएसीपी) क्रमशः 10, 20 एवं 30 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद देय है।
उक्त संकल्प के परिशिष्ट-1 की कंडिका-16 में प्रावधान है कि एमएसीपी योजना का लाभ राजकीयकृत विद्यालय/अल्संख्यक विद्यालयों के शिक्षक, यूजीसी, एआईसीटीई, एनसीईआरटी आदि वेतनमान प्राप्त करने वाले शिक्षक और पदाधिकारियों को देय नहीं है। इसके अतिरिक्त ऐसे कर्मी, जिनके लिए अलग से किसी विशेष प्रोन्नति योजना का प्रावधान पूर्व से किया गया है, उन्हें भी इस योजना का लाभ देय नहीं है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रारंभिक विद्यालय के शिक्षकों को वित्त विभाग के संकल्प (संख्या 660/वि, दिनांक-28 फरवरी, 2009) में निहित प्रावधान के अनुरूप वेतन निर्धारण अनुमान्य है।
राज्य के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्य, प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों के स्थानांतरण नियमावली में वांछित संशोधन कर दिया गया है।
मुख्य सचिव द्वारा शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य से मुक्त रखने का निर्देश दिया जा चुका है।