रांची। झारखंड में आरक्षित कोटि से 77 फीसदी नियुक्तियां होगी। इसमें 27 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी को मिलेगा। हालांकि कुछ शर्तों पालन होने के बाद यह प्रभावी होगी। उधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक में सन्निहित प्रस्ताव में संशोधन को स्वीकृति दे दी।
मुख्यमंत्री ने 14 सितंबर, 2022 को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृत कार्मिक विभाग के झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक में सन्निहित प्रस्ताव में संशोधन को स्वीकृति दे दी है।
ज्ञात हो कि झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ा वर्गों के लिए) से जुड़े 2001 के मूल अधिनियम की धारा 4 (1) और 4 (2) के प्रावधानों को विलोपित करते हुए उसे निम्न रूप से प्रतिस्थापित किया गया है। धारा 4 (1)) के अंतर्गत किसी स्थापना में सेवाओं और पदों की सभी नियुक्तियां, जो सीधी भर्ती के द्वारा भरी जानी हो, निम्नलिखित रूप से विनियमित की जाएगी।
● खुली गुणागुण (मेरिट) कोटि से 23 प्रतिशत और आरक्षित कोटि से 77 प्रतिशत नियुक्तियां होंगी।
● आरक्षित कोटि की 77 प्रतिशत में से आरक्षित उम्मीदवारों को विभिन्न कोटियों की रिक्तियां निम्न तरीके से भरी जाएगा। इसमें अनुसूचित जाति को 12 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 28 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अनुसूची 1) को 15 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग (अनुसूचित 2) को 12 प्रतिशत आरक्षण होगा। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षित होगी।
यह अधिनियम झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) अधिनियम- 2022 के नाम से जाना जाएगा। इसका विस्तार संपूर्ण झारखंड राज्य में होगा। यह अधिनियम भारत राज्य के संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित होने के उपरांत प्रभावी होगा।