भैंसों के झुंड से टकराई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, आगे के आधे हिस्से के उड़े परखच्चे, फिर…

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। बड़ी खबर यह आ रही है कि मुंबई-अहमदाबाद रूट पर चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गुरुवार को दुर्घटना का शिकार हो गई।

सेमी हाईस्पीड ट्रेन गुरुवार को अहमदाबाद के पास वटवा और मणिनगर स्टेशन के बीच भैंसों के झुंड से टकरा गई। हालांकि, इस हादसे में वंदे भारत ट्रेन के आगे के आधे हिस्से के परखच्चे उड़ गए, लेकिन ट्रेन में एक खास प्रकार की तकनीक लगे होने की वजह से यह न तो बेपटरी हुई और न ही उसमें सवार यात्रियों को किसी प्रकार का नुकसान हुआ।

उल्टे 20 मिनट के अंदर आगे के क्षतिग्रस्त हिस्से को दुरुस्त कर दिया गया और गाड़ी फिर अपनी उसी रफ्तार से पटरी पर दौड़ने लगी।

मीडिया में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में होने वाले ट्रेन हादसों को रोकने के लिए भारतीय रेलवे की मदद से ‘कवच’ तकनीक विकसित की गई है। इस ‘कवच’ तकनीक का इस साल 4 मार्च को सिकंदराबाद में परीक्षण किया गया था।

इस दौरान दो ट्रेनों की पूरी गति के साथ एक-दूसरे की टक्कर कराई गई, लेकिन इस ‘कवच’ तकनीक की ताकत की वजह से इन दोनों ट्रेनों में संभावित टक्कर नहीं हो सकी। भारत में ‘जीरो एक्सीडेंट’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारतीय रेलवे की मदद से भारत में ही स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली विकसित की गई है। ‘कवच’ तकनीक को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह उस विषम परिस्थिति में एक ट्रेन को टक्कर होने से पहले ऑटोमैटिक ही रोक देगी, जब उसी पटरी पर दूसरी दिशा से कोई अन्य ट्रेन सामने आती रहेगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ‘कवच’ तकनीक एक निर्धारित दूरी के भीतर दूसरी ट्रेन या किसी वस्तु की जानकारी होने पर चलती ट्रेन को रोक देगी।

रेलवे के अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, डिजिटल और जीपीएस सिस्टम पर आधारित ‘कवच’ तकनीक को लाल बत्ती या फिर रेलवे लाइन में आई किसी अन्य खराबी जैसी कोई मैन्युअल गड़बड़ी दिखाई देती है, तो रेलगाड़ियां खुद-ब-खुद ऑटोमैटिकली रुक जाती है।

सबसे बड़ी बात यह है कि इस सिस्टम को लागू होने के बाद इसे चलाने में करीब 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर की दर से लागत आएगी।