पलामू। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 1994 में नियुक्त शिक्षकों का कार्यकाल अक्टूबर में 28 साल हो गया। ऐसे शिक्षकों को बुके, गुलाब का फूल देकर सम्मानित किया गया। उनका मुंह मीठा भी कराया गया। कार्यक्रम का आयोजन हुसैनाबाद स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में 26 अक्टूबर को हुआ।
अजाप्टा के प्रखंड सचिव निर्मल कुमार की अगुआई में मनोज कुमार चौधरी, प्रमोद पासवान और महेंद्र बैठा ने 1994 के नियुक्त शिक्षकों कन्हैया प्रसाद, राजेश कुमार गुप्ता, जुबैर अंसारी, रंजीत कुमार, गिरिवर राम, इकबाल अहमद, अवधेश पासवान, शकील अहमद सहित दर्जनों शिक्षकों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि 28 साल के दौरान शिक्षक राज्य के गरीब-गुरबों के बच्चों को गैर शैक्षणिक कार्य करते हुए सीमित संसाधनों में शिक्षण देते रहे हैं।
सम्मान पाते ही 1994 के शिक्षक भावविह्वल हो गये। उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। सदस्यों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को साधुवाद दिया कि उन्होंने नियुक्ति नियमों को शिथिल करते हुए लगभग 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की।
पलामू की नियुक्ति की गतिरोध को दूर करते हुए एकीकृत पलामू में 619 शिक्षकों की बहाली का मार्ग प्रशस्त किया। उच्च योग्यताधारी शिक्षकों को मैट्रिक प्रशिक्षित का वेतनमान नियुक्ति तिथि से दिया, जो बाद में ग्रेड वन की मांगों के लिए आधार बना।
शिक्षक राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि एकीकृत बिहार में 1994 के नियुक्त शिक्षक बिहार में हेडमास्टर तक बन गये। वृत्ति उन्नयन ‘एमएसीपी’ लेने में सफल रहे। झारखंड में तत्कालीन नियुक्त दारोगा, आरक्षी निरीक्षक बनकर आरक्षी उपाधीक्षक बनने के रास्ते में हैं। सचिवालय कर्मी सेक्शन ऑफिसर बन गये। अपग्रेडेड वेतनमान लेने में सफल रहे। सरकार के सौतेले व्यवहार से आहत बहुधा उच्च योग्यताधारी शिक्षक एक ही वेतनमान में कार्य करने को अभिशप्त हैं। कुछ तो अवकाश ग्रहण कर चुके हैं।
शिक्षक कन्हैया प्रसाद, अवधेश पासवान, रंजीत कुमार, गिरिवर राम, इकबाल अहमद ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र की धुरी हैं। विभाग को अजाप्टा की चारों मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए उसे मान लेनी चाहिए, ताकि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हो सके। ऐसा होने से निराशा में जी रहे शिक्षकों में हर्ष का संचार होगा। विश्वास की जड़ें और मजबूत होगी।
सचिव निर्मल कुमार ने कहा कि वरिष्ठ शिक्षकों ने जो अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा का लाईन खींचा है, उसपर सदैव चलने का प्रयास करेंगे। धन्यवाद शिक्षक मनोज कुमार चौधरी ने किया।