नई दिल्ली। एसबीआई लाइफ ने स्तन कैंसर से लड़ने के लिए स्वयं-स्तन जांच की जरूरत के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए इस महीने ‘थैंक्स-ए-डॉट’ पहल शुरू की। इसमें कोई शक नहीं है कि दुनिया भर में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम बीमारी है। यह अब भारत में सबसे आम कैंसर में से एक बन गया है।
उद्योग की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर 4 मिनट में एक महिला को स्तन कैंसर का पता चलता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस संबंध में डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए जाने वाली लगभग 50% महिलाएं पहले से ही तीसरे चरण में पहुंच चुकी होती हैं। 15 से 20% महिलाएं चौथे चरण में जा चुकी होती हैं, जिसके चलते उनके जीवित रहने की दर बेहद कम होती है।
उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने अपने ‘थैंक्स ए डॉट’ स्तन कैंसर जागरुकता पहल को आगे बढ़ाना जारी रखा है। लगातार चौथे वर्ष ‘थैंक्स ए डॉट’ स्तन कैंसर के बारे में जागरुकता बढ़ाकर और जल्दी गांठ का पता लगाने के लिए स्व-स्तन जांच के महत्व को बढ़ावा देकर भारत की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में अग्रसर है।
कंपनी की योजना कई डिजिटल माध्यमों में भी पहल की है, ताकि स्तन कैंसर के बारे में चर्चा को प्रोत्साहन दिया जा सके। यह बताया जा सके कि किस तरह से जीवन-रक्षक कौशल अपनाते हुए व्यवहार में बदलाव लाने ने से जीवन बचाने में मदद मिल सकती है। लंबे समय से चली आ रही इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को स्वयं से स्तन की जांच को नियमित आदत बनाने के लिए राजी करना है ताकि गांठ का जल्द पता लगने से जिंदगियां बचाई जा सकें।
इस अभियान के बारे में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के चीफ ऑफ ब्रांड (कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन एवं सीएसआर) रवींद्र शर्मा ने कहा, ‘स्तन कैंसर भारत और दुनिया में महिलाओं को प्रभावित करने वाला सबसे सामान्य कैंसर है। इसलिए इस बारे में सभी के लिए जागरूक होना महत्वपूर्ण है। इस विषय से जुड़ी चर्चा को प्रोत्साहन देने और महिलाओं को उनके सुविधानुसार लेकिन नियमित अंतराल पर स्वयं से स्तन की जांच करते रहकर व्यवहार में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करने की निरंतर आवश्यकता है। इस बारे में जागरुकता बढ़ाने की सख्त जरूरत को ध्यान में रखते हुए, एसबीआई लाइफ ने स्तन कैंसर जागरुकता पहल ‘थैंक्स ए डॉट’ शुरू की।‘
शर्मा ने आगे कहा कि इस पहल का उद्देश्य लोगों को न केवल इस घातक बीमारी के बारे में जागरूक करना है, बल्कि उन्हें जीवन रक्षक कौशल के बारे में शिक्षित करना है। इससे गांठ का शीघ्र पता लगाने में मदद मिल सकती है और इस प्रकार जीवन की रक्षा की जा सकती है। इंटरेक्टिव व्हाट्सएप चैट बॉट के लॉन्च के साथ, इस बीमारी के बारे में जानकारी प्राप्त करना और रिमाइंडर आदि सेट करना आसान हो जाएगा। लक्षित लोगों के साथ जुड़कर इस संदेश को देश के अधिकाधिक लोगों तक पहुँचाने में मदद मिलेगी।