पश्चिम बंगाल। अंधविश्वास के चक्कर में हत्याएं आम हो गयी हैं। खासकर आदिवासी समुदाय में इस तरह की घटनाएं अक्सर देखने और सुनने को मिलती हैं। ताजा मामला पश्चिम बंगाल का है, जहां एक आदिवासी बुजुर्ग दंपती को जिंदा जलाने की कोशिश की गयी।
बुजुर्ग दंपती ने किसी तरह अपनी जान बचायी। पुलिस कह रही है कि सब कुछ ठीक है। मामला पश्चिम बर्दवान जिला के कांकसा थाना क्षेत्र का है।
थाना क्षेत्र की बनकाठी ग्राम पंचायत में खोड़ोबाड़ी गांव के आदिवासी पाड़ा में एक बुजुर्ग दंपती को गांव से भागने के लिए मजबूर कर दिया गया।
बताया गया है कि ग्रामीणों को शक है कि स्वान हेम्ब्रम और उनकी पत्नी जादू-टोना करते हैं। इनकी वजह से कई लोग गांव में बीमार पड़ गये। गांव के कई लोगों की मौत हो गयी। इसी शक के आधार पर उन्हें प्रताड़ित किया गया। स्वान और उनकी पत्नी के साथ ग्रामीणों ने मारपीट की।
बुजुर्ग दंपती का कहना है कि उन्हें जिंदा जलाने की कोशिश की गयी। किसी तरह गांव से भागकर उन्होंने दूसरे गांव में शरण ली। पीड़ित परिवार ने कांकसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी और पुलिस से गुहार लगायी है।
पीड़ित महिला की गुहार के बाद पुलिस गांव में पहुंची। आदिवासी मोडल तथा अन्य ग्रामीणों को जागरूक किया। उन्हें बताया कि अंधविश्वास से दूर रहें। पुलिस का कहना है कि आदिवासी दंपती को उनके गांव में लाने की व्यवस्था की जा रही है। हालांकि, अब तक इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाया गया है।
इधर स्वान हेम्ब्रम तथा उनकी पत्नी का कहना है कि वे अपने घर में पूजा-अर्चना करते हैं, लेकिन, गांव के मोडल ने यह कहकर उन्हें गांव से भागने के लिए मजबूर कर दिया कि वे डायन हैं। घर में तंत्र साधना करते हैं, लेकिन स्वान हेम्ब्रम का कहना है कि ये आरोप गलत हैं।