जम्मू। बड़ी खबर इस समय जम्मू-कश्मीर से आयी है। कांग्रेस छोड़ राजनीति में अपनी नई पारी की शुरुआत करने वाले गुलाम नबी आजाद को आतंकी संगठन ने जान मार देने की धमकी दी है।
लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह द रेजिस्टेंट फ्रंट (TRF) की तरफ से यह धमकी दी गई है। आतंकी संगठन ने धमकी का पोस्टर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जारी किया है।
आतंकी संगठन ने पोस्टर जारी कर कहा है कि गुलाम नबी आजाद की जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एंट्री अचानक नहीं हुई है। यह एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है, जिसे उन्होंने अपनी पुरानी राजनीतिक पार्टी में रहते हुए तय किया। उनकी गृहमंत्री अमित शाह के साथ बंद दरवाजों में मीटिंग हुई है।
सूत्रों के मुताबिक उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ भी मीटिंग की है। पोस्टर में लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए विस्थापित कश्मीरी पंडितों का इस्तेमाल कर चुकी है।
यहां बता दें कि हाल ही में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस का साथ छोड़कर नई पार्टी बनाने का एलान किया है। उन्होंने कहा है कि फिलहाल उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर की राजनीति पर फोकस करेगी।
उन्होंने हाल ही में बारामुला से अपने ‘मिशन कश्मीर’ की शुरुआत की थी। इस रैली में उन्होंने अनुच्छेद-370 को लेकर भी एक बड़ी बात कही थी। आजाद ने कहा था कि मुझ पर आरोप लगता है कि मैं विपक्ष का नेता होने के नाते अनुच्छेद-370 को वापस लागू नहीं करवा सकता, मेरे पास संसद में संख्याबल कहां से आएगा? मैं राजनीतिक लाभ के लिए कभी लोगों को बेवकूफ नहीं बनाता, मैं कभी उस बात का वादा नहीं करता जो मेरे लिए संभव नहीं।
अपनी नई पार्टी के बारे में बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि उनकी पार्टी की विचारधारा ‘आजाद’ होगी। केन्द्र शासित प्रदेश बनने से पहले जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि उनकी पार्टी का मुख्य एजेंडा जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना रहेगा। साथ ही उनकी पार्टी यहां के लोगों को रोजगार और भूमि अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करती रहेगी।