रांची। भादो एकादशी को झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित देश के कई हिस्सों में करम महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। रांची के कांके क्षेत्र के बाइस पड़हा समिति से जुड़े बोड़ेया, संग्रामपुर, दुबलिया, नगड़ी, चामा, कुम्हरिया, इचापिड़ी सहित दर्जनों गांव में करम पर्व बुधवार को मनाया। मुख्य अतिथि विधायक समरीलाल थे।
इस अवसर पर बोड़ेया अखरा को आकर्षक फूलों से सजाया गया। वहां गांव की दर्जनों विवाहित महिला और युवति उपवास रखकर हाथों में पूजा की थाली लेकर पारंपरिक परिधान में अखरा पहुंची। गांव के पहान विश्वकर्मा पहान ने रंगुवा मुर्गा की बलि देकर पूजा की शुरुआत की। अखरा में उपस्थित लोगों के बीच विजय उरांव और परना उरांव ने करमा और धरमा की कहानी सुनाई।
इस अवसर पर केन्द्रीय सरना समिति रांची के अध्यक्ष फुलचंद तिर्की ने कहा कि आदिवासी समुदाय के पुरखों ने भाई-बहनों के प्रेम व फसलों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से करम राजा को अराध्य देव चुना। करम महोत्सव करमा और धरमा नाम के दो भाइयों को कर्म और धर्म का प्रतिक मानकर पूजा जाता है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मुखिया सोमा उरांव, सरपंच अमर तिर्की, पूर्व मुखिया डॉ जया भगत, पूजा समिति के अध्यक्ष अनील उरांव, सचिव अमित टोप्पो, कोषाध्यक्ष अजीत लकड़ा, महतो रोशन टोप्पो, डॉ विश्वनाथ उरांव, रमेश लिंडा, भीमा उरांव, अविनाश रवि टोप्पो, आशीष बांडो, महादेव टोप्पो की सक्रिय भूमिका रही।
ऐतिहासिक ईंद जतरा 9 सितंबर को
करम महोत्वस के बाद एतिहासिक सुतियाम्बे गढ़ में ईंद जतरा का आयोजन किया जाता है। मेला समिति के अध्यक्ष रंजीत टोप्पो और महासचिव भादी प्रकाश उरांव ने बताया कि मेले की सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है। दो वर्षों के बाद इस बार ईंद जतरा भव्य रूप से मनाया जाएगा।