सेंट्रलाइज्‍ड किचन से पश्चिम सिंहभूम के 63 हजार से अधिक विद्यार्थियों को मिलेगा भोजन

झारखंड
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  • मध्याह्न भोजन योजना के लिए सेंट्रल किचन का हुआ शुभारंभ

चाईबासा। टाटा स्टील फाउंडेशन ने मध्याह्न भोजन योजना के तहत पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में एक सेंट्रलाइज्‍ड किचन का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम टाटा स्टील फाउंडेशन, झारखंड सरकार और अन्नामृता फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम का शुभारंभ झारखंड की महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा मंत्री श्रीमती जोबा मांझी ने किया। इस अवसर पर चाईबासा विधायक दीपक बिरुआ, सांसद श्रीमती गीता कोड़ा, उपायुक्‍त अनन्या मित्तल, पीएम पोषण योजना की निदेशक किरण कुमारी पासी, एसपी आशुतोष शेखर, टाटा स्‍टील फाउंडेशन के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर सौरव रॉय सहित अन्‍य मौजूद थे।

झारखंड सरकार और अन्नामृता फाउंडेशन के सहयोग से विकसित सेंट्रलाइज्ड किचन का उद्देश्य पश्चिम सिंहभूम जिले के 523 स्कूलों और आठ ब्लॉकों में 63,000 से अधिक छात्रों को मध्याह्न भोजन परोसना है।

मौके पर श्रीमती जोबा मांझी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह रसोई और यहां तैयार किया गया पौष्टिक भोजन पश्चिमी सिंहभूम के बच्चों के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाएगा। मैं हमारे जिले में सहयोग के लिए अन्नामृता फाउंडेशन और टाटा स्टील फाउंडेशन की शुक्रगुजार हूं।

सौरव रॉय ने कहा कि देश भर में बहुत कम राज्य हैं, जिनके पास न केवल विकास संबंधी जरूरतों की एक श्रृंखला है, बल्कि विकासात्मक समाधान की दिशा में काम करने की अपार संभावनाएं हैं। यह रसोई धीरे-धीरे हमें विकास का एक मॉडल तैयार करने में मदद कर सकती है, जिसे पूरे देश में समान विकास के मुद्दों से जूझ रहे क्षेत्रों में  दोहराया जा सकता है।

यह परियोजना पूर्वी सिंहभूम में सफलतापूर्वक चलाये जा रहे ऐसी ही पहल से प्रेरित है, जहां इस प्रयास को जबरदस्त सफलता मिली है। वर्तमान में 428 स्कूलों में लगभग 52,000 छात्रों को दैनिक आधार पर भोजन परोसा जा रहा है। अन्नामृता फाउंडेशन के वाइस चेयरमैन संजय टिक्कू ने कहा कि सामाजिक मुद्दे के रूप में कुपोषण का समाधान धीमी गति से चल रहा है, हालांकि हम अपने कार्यक्रम के परिणाम और प्रभाव में विश्वास करते हैं।  हम स्कूली बच्चों को यथासंभव अधिक से अधिक पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यह किचन जमशेदपुर-कलिंगानगर कॉरिडोर पर स्थित स्कूलों को सेवा देनेवाली एक अनोखी पहल है। रसोई को स्थापित करने की लागत 10 करोड़ रुपये से अधिक होगी। झारखंड सरकार द्वारा 1.8 एकड़ की भूमि प्रदान की गई है। टाटा स्टील फाउंडेशन बुनियादी ढांचे की स्थापना का कार्यभार संभालेगा। इसके बाद अन्नमित्र रसोई के रोजमर्रा के कार्यों को देखेंगे, जो आज से 13 महीने बाद शुरू होने वाला है।