बिरसा कृषि विवि के विद्यार्थियों ने बंगलुरू में बागवानी तकनीकों को जाना

झारखंड शिक्षा
Spread the love

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अधीन संचालित चाईबासा के खुंटपानी स्थित कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर के अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में अध्ययनरत 49 छात्रों के दल ने बुधवार और गुरुवार को बंगलुरू स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज एवं इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चरल रिसर्च और बगालकोट स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टिकल्चरल साइंसेज संस्थानों का भ्रमण किया।

छात्रों ने यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज के म्यूजियम में कर्नाटक कृषि का इतिहास, कृषि और बागवानी फसलों की उत्पादन प्रणाली, मधुमक्खी पालन, रेशम उत्पादन, लाह एवं मसाला प्रौद्योगिकी को देखा। संस्थान में मसाला प्रौद्योगिकी में उपयोगी उपकरणों, कीड़ा संरक्षण विधि एवं विभिन्न फसलों की विकसित नई किस्मों की जानकारी प्राप्त की। केन्द्रीयकृत नर्सरी में आम किस्म एलफांसो के समानांतर स्पंजी ऊतक के लिए प्रतिरोधी ऐश्वर्य किस्म और प्लांट टिशु कल्चर प्रयोगशाला में केले एवं एंथुरियम के तकनीकों को जाना।

छात्रों ने बगालकोट स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टिकल्चरल साइंसेज के आनुवांशिक विविधता पार्क में बागवानी फसलों कोकम, सेब प्रजाति के विभिन्न किस्मों, बीज रहित कैरम्बोला, गुलाबी गुदा वाला कटहल, कस्टर्ड सेब, रुद्राक्ष, सपोटा, एवोकैडो एवं अंजीर उत्पादन प्रणाली को देखा।

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चरल रिसर्च (आईआईएचआर), हेसरगट्टा में प्रधान वैज्ञानिक डॉ आरबी तिवारी ने फलों और सब्जियों की कटाई उपरांत तकनीक व उनके दायरे विषयक व्याख्यान को सुना। इस दौरान डॉ तिवारी ने संस्थान में संचालित शोध परियोजनाओं की उपलब्धियों, इंटर्नशिप और प्रशिक्षण एवं कुशल बागवानी मूल्य श्रृंखला प्रबंधन को बनाए रखने में बागवानी उत्पाद के लिए बारकोड की तैयारी की जानकारी दी।

प्रधान वैज्ञानिक डॉ टीएम रेड्डी ने छात्र दल को फूलों की खेती, सफेद और बैंगनी गुदा वाले ड्रैगन फ्रूट पर चल रहे शोध कार्यक्रमों, हाल ही में विकसित आम किस्म (अर्का सुप्रभात, अर्का नीलांचल केशरी और अर्का उदय), कटहल किस्म (सिंधु और शंकर) अमरूद किस्म (अर्का रेशमी, अर्का पूर्णा), गुलाब, औषधीय और ऐरोमैटिक पौधे (सर्पगंधा, कालमेघ, इंडियन पेनीवॉर्ट, स्टीविया, इंडियन बोरेज, एलोवेरा, स्नैप अदरक, शतावरी, जिमनेमा आदि) के उन्नत तकनीकों की जानकारी दी।

छात्रों ने अमरूद में ड्रिप इरिगेशन, ड्रैगन फ्रूट में ट्रेन्चिंग ट्सिस्टम, हाल ही में फ्रूट फ्लाई कंट्रोल के लिए फेरोमोन ट्रैप के विभिन्न मूल्य वर्धित विकसित उत्पाद और फलों और सब्जियों के आसमेटिक निर्जलीकरण के माध्यम से वर्ष भर पोषण की गुणवत्ता की उपलब्धता को बनाए रखने तकनीक को भी देखा।

इस भ्रमण में कॉलेज के दूसरे सत्र 2019-20 के छठे सेमेस्टर के 37 छात्राओं एवं 12 छात्रों सहित 49 विद्यार्थी शामिल हैं। छात्र दल का नेतृत्व एवं मार्गदर्शन कॉलेज के शिक्षक डॉ अर्केंदु घोष एवं डॉ अदिति गुहा चौधरी कर रहे हैं।