नई दिल्ली। सुखद खबर यह है कि महिला लोको पायलटों की शिकायत से रेलवे की अब जाकर नींद खुली है। रेलवे ट्रेन के इंजनों में मूत्रालय लगायेगा।
भारतीय रेलवे अपने लोको पायलटों की सुविधा के लिए जल्द ही ट्रेन के इंजनों में यूरिनल (मूत्रालय) स्थापित करेगा। वर्तमान में इंजनों में कोई सैनिटरी सुविधा नहीं है। भारतीय रेलवे में 1000 से अधिक महिला पायलट हैं।
रेलवे का कहना है कि मूत्रालय स्थापित करने से पहले वह अपने लोको पायलटों से इस संबंध में बात कर रहा है। पायलटों से फीडबैक लेने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस संबंध में कोई आदेश पारित किया जाएगा।
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, हमने जरूरत के मुताबिक यूरिनल लगाने के लिए लोको पायलटों से सुझाव लेना शुरू कर दिया है। हम इस बात पर भी गौर कर रहे हैं कि यूरिनल को इंजन में लगाने के लिए क्या जरूरतें होंगी। फीडबैक के आधार पर हम तय करेंगे कि क्या यूरिनल को लगाया जा सकता है या नहीं।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, सभी जोनल रेलवे ने पिछले हफ्ते मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार, रेलवे बोर्ड (आरबी) के बाद पायलटों से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। सभी जोनों के मुख्य विद्युत लोकोमोटिव इंजीनियरों (सीईएलई) को आदेश जारी किए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि महिला पायलटों ने इस खराब स्थिति की शिकायत की है। एक पायलट ने बताया कि महिला लोको पायलट अपनी ड्यूटी करने से बचती हैं और असुविधा से बचने के लिए डेस्क जॉब पसंद करती हैं। उन्होंने कहा, सर्दियों के दौरान समस्याएं अधिक होती हैं, क्योंकि महिला पायलटों के पास कोई वॉशरूम उपलब्ध नहीं होता है और जब ट्रेन किसी स्टेशन पर पहुंचती है, तो उन्हें अन्य कोचों में मौजूद वॉशरूम में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ऐसे मुद्दों के डर से, महिला पायलट अत्यधिक सर्दियों के दौरान डेस्क जॉब करना पसंद करती हैं।