- झारखंड में बने नए एफपीओ को खाद लाइसेंस दिया जाएगा
रांची। कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता सचिव अबू बकर सिद्दीख पी ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि सुखाड़ के मद्देनजर सभी किसानों को केसीसी का लाभ दे। किसान चाहे वह खेतीबाड़ी, पशुपालन, दुग्ध, मत्स्य उत्पादन से जुड़े हों, सभी को इसका लाभ दिया जाए। पीएम किसान योजना के तहत लाभुकों का सत्यापन करने का निर्देश भी सचिव ने दिया। वह 8 अगस्त को रांची के डोरंडा के सचिवालय स्थित सभागार में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों की उप समिति की वर्ष 2022 23 की द्वितीय बैठक में बोल रहे थे। बैठक में नाबार्ड और विभिन्न बैंकों के उच्च पदाधिकारी मौजूद थे।
कृषि ऋण माफी योजना की भी समीक्षा
बैठक के दौरान झारखंड कृषि ऋण माफी योजना की भी समीक्षा की गई। सचिव ने बैंक के पदाधिकारियों को कहा कि वह जिला स्तर पर ब्रांचवार योजना की समीक्षा करें। इस बात का प्रमाण पत्र दें कि सरकार की स्कीम के तहत किसानों के जो ऋण माफ होने थे, वह हो गए हैं। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत लाभुकों ने योजना प्रस्ताव समर्पित की। उसकी स्क्रीनिंग एवं अनुमोदन भारत सरकार के पीएमयू द्वारा की गई। वैसे लाभुकों को भी बैंक ने अभी तक ऋण उपलब्ध नहीं कराया है, इसे लेकर विभागीय सचिव ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि झारखंड में बने नए एफपीओ को खाद लाइसेंस दिए जाएं।
लोन लक्ष्य के अनुरूप नहीं होने पर नाराज
केसीसी के अलावा अन्य किसानों को दिए जाने वाले टर्म लोन लक्ष्य के अनुरूप नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रथम तिमाही में कुछ बैंक की उपलब्धि संतोषजनक नहीं है। आने वाले समय में शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति करें।
बैठक में कृषि निदेशक श्रीमती निशा उरांव, विशेष सचिव प्रदीप हजारे, निदेशालय स्तर के पदाधिकारी, नाबार्ड के सीजीएम, विभिन्न बैंकों के वरीय पदाधिकारी मौजूद थे।
यहां के किसानों के लिए सचिव महोदय का निर्देश ही काफी हैं यहां तो बैंक कर्मी का आदेश चलता है