भागलपुर। बड़ी खबर बिहार के बांका से आयी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पांच सदस्यीय टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। दो अलग-अलग टीम ने पूर्व भू-अर्जन पदाधिकारी जयश्री ठाकुर और उनके सगे- संबंधियों के नाम से खरीदी गयी करीब 15 एकड़ जमीन को जब्त करते हुए प्रवर्तन निदेशालय का बोर्ड लगा दिया।
जयश्री ठाकुर के खिलाफ ईडी की यह कार्रवाई बौंसी व बांका अंचल में की गयी। ईडी ने जब्ती के बाद तीनों जगहों पर अपना बोर्ड भी लगा दिया है। इस पर विभागीय कार्रवाई सहित अन्य जानकारियां अंकित कर दी गयी हैं।
पहली टीम बौंसी अंतर्गत सिरांय मौजा पहुंची, जहां टीम के सदस्यों द्वारा सबसे पहले सिरांय मौजा के खाता 58 जिसका सेल डीड 1106 है, को खंगाला। यह जमीन 31 जनवरी 2013 को ली गयी थी। इसका खसरा संख्या 707, 711 ,713 से 717 है।
जमीन की मापी की इसके बाद जमीन जब्त करते हुए टीम ने ईडी का बोर्ड लगा दिया। यहां 4 एकड़ 87. 75 डिसमिल जमीन जब्त की गयी। इसके बाद टीम इसी मौजा में खाता 58 जिसका सेल डीड 1752 है, जो 12 फरवरी 2013 को ली गयी थी। इसके खसरा 695 की तीन एकड़ 34 .5 डिसमिल और खाता संख्या 134, 82,83 और 85 जिसका सेल डीड 11340 है, जो 18 नवंबर 2011 को ली गयी थी, इसका खसरा 1402 1423 1571, 1575 और 1576 की मापी कर उसे भी जब्त कर लिया गया। यहां 2 एकड़ 94 डिसमिल जमीन जब्त की गयी। बांका अंचल क्षेत्र के ककवारा मौजा के ढोंढरी गांव के पास अलग-अलग प्लॉट के चार एकड़ जमीन को जब्त कर लिया।
बताया जाता कि यह जमीन जयश्री ठाकुर के पुत्र ऋषिकेश ठाकुर के नाम से है। इसका खाता संख्या 279 व खसरा 582 है। यह जमीन 11 मार्च 2013 और 5 अप्रैल 2013 को खरीदी गयी थी। इसे भी इडी ने जब्त करते हुए अपना बोर्ड लगा दिया।
ईडी की दूसरी टीम ने अमरपुर प्रखंड के लक्ष्मीपुर मौजा में कार्रवाई करते हुए एक चिटफंड कंपनी की 15 एकड़ जमीन को जब्त कर लिया। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में कोलकाता के दिप्तेन बनर्जी अपने परिजनों के साथ प्रतिज्ञा हाउसिंग फाइनेंस चिटफंड प्राइवेट कंपनी का निर्माण किया गया।
कंपनी को चलाने के लिए एजेंट बहाल किया गया। एजेंट का काम था कि वह लोगों को चिटफंड कंपनी के संबंध में जागरूक कर लोगों का पैसा फंड में जमा करवाये। 2013-14 में कंपनी सारे लोगों का पैसा लेकर भाग गयी।
2014 में कटिहार, अररिया तथा फारबिसगंज में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया गया। 2016 में मामला ईडी को सौंप दिया गया था। 2016 के अंत तक ईडी के द्वारा जांच पूर्ण कर लिया गया। जांचोपरांत यह बात सामने आयी कि कंपनी के पैसे से भूखंड की खरीद हुई है। इसमें छह भूखंड अमरपुर, तीन भूखंड कटिहार तथा एक भूखंड जलपाईगुड़ी में खरीदी गयी है।
जांच रिपोर्ट हाइकोर्ट में पेश की गयी, जहां हाइकोर्ट ने रिपोर्ट को सही मानते हुए भूखंड को जब्त करने का निर्देश दिया। मामले को लेकर अमरपुर के सीओ वत्सांक कुमार ने बताया कि गुरुवार को ईडी के अधिकारियों द्वारा क्षेत्र के लक्ष्मीपुर मौजा में पंद्रह एकड़ जमीन जब्त करते हुए स्थल पर जब्ती का बोर्ड लगा दिया गया. वहीं तीनों जगह ईडी की कार्रवाई में स्थानीय प्रशासन की ओर सीओ, अमीन व थानाध्यक्ष पुलिस टीम के साथ मुस्तैद दिखे।