नई दिल्ली। बड़ी खबर यह है कि मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में चला आ रहा गतिरोध खत्म हो गया। सोमवार को लोकसभा से निलंबित सांसदों का निलंबन खत्म हो गया। इसी के साथ सदन में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा भी शुरू हो गई।
दरअसल, लोकसभा में हंगामे के आरोप में कांग्रेस के चार सांसदों ज्योतिमणि, राम्या हरिदास, मणिकम टैगोर, टीएन प्रतापन को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया था।
सोमवार को विपक्ष की सहमति से इन सांसदों का निलंबन वापस लेने के लिए प्रस्ताव लाया गया था। इसी के बाद निलंबित सांसदों को लोकसभा की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दी गई।
यहां बता दें कि संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ही दोनों सदनों में हंगामा जारी है। विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा है। इसको लेकर मानसून सत्र में हंगामा भी जारी है।
पिछले दिनों कांग्रेस के चार सांसदों ने सदन में प्लेकॉर्ड दिखाया था, जिसके बाद इन सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। वहीं राज्यसभा से भी विपक्ष के 23 सांसद निलंबित चल रहे हैं।
मानसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष के हंगामे के कारण जरूरी मुद्दे सदन में नहीं उठ पा रहे हैं। लोकसभा चलाने में आ रही दिक्कतों के बाद स्पीकर ओम बिरला ने आज सुबह ही सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। इसी दौरान निलंबित सांसदों का निलंबन वापस लिए जाने पर चर्चा हुई, जिसके बाद सदन में प्रस्ताव पास किया गया।
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सांसदों के निलंबन को रद्द करने का अधिकार राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष के पास ही होता है। इसके अलावा निलंबन के खिलाफ प्रस्ताव भी सदन में लाया जा सकता है। अगर प्रस्ताव सदन में पास हो जाता है, तो सांसदों का निलंबन रद्द हो सकता है।