हेमंत वर्मा
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के डोंगरगांव विधायक दलेश्वर प्रसाद साहू अपने कारनामों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। इस बार वह तिरंगा यात्रा को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने यात्रा के मायने ही बदल दिया। इस मामले को लेकर वह विरोधी दलों और आम जनता के निशाने पर आ गये हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव का आयोजन कर रही है। इसके तहत कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। लोगों में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत करने का प्रयास किया जा रहा है। घरों में 13 से 15 अगस्त तक तिरंगा लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस क्रम में जगह-जगह तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है।
आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम ग्राम बिलहरी में आयोजित किया गया था। यहां तिरंगा छाते पर ही तिरंगा का स्वरूप उकेरा गया था। इसे लेकर कई लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उक्त तिरंगा में अशोक चक्र के नीचे विधायक दलेश्वर साहू नाम लिखा गया था। इतना ही नहीं, रैली में शामिल स्कूली बच्चों को तिरंगे के स्थान पर कांग्रेस का झंडा पकड़ा दिया गया था।
जानकारों ने इसे आपत्तिजनक एवं कानून का खुला उल्लंघन बताया। उनके मुताबिक तिरंगे के किसी भी रूप में छेड़छाड़ करना अपराध की श्रेणी में आता है। इसके लिए 3 वर्ष की सजा का प्रावधान है। इससे पहले भी राजनांदगांव के महापौर भी उलटा तिरंगा लेकर यात्रा में शामिल हुई थी। उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। लोग जनप्रतिनिधियों की देशभक्ति पर सवाल भी उठा रहे हैं।