रांची। वर्षा की कमी के कारण धान फसल का आच्छादन कम हुआ है। इसके कारण वैकल्पिक खेती और किसानों को राहत देने के लिए रांची जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को बैठक हुई। उक्त बैठक में रांची अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, सहायक कृषि पदाधिकारी, उप परियोजना निदेशक, आत्मा, BTM, ATM के साथ-साथ प्रज्ञा केंद्र के जिला प्रबंधक भी मौजूद थे।
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि वर्तमान मौसम को देखते हुए जिले की सभी पंचायतों में किसान गोष्ठी की जा रही है। किसानों को कम अवधि के धान बीज और सूखा रोधी प्रभेद यथा सहभागी, IR 64(DRT) लगाने की सलाह दी जा रही है। वैकल्पिक फसल के रूप में अरहर, उरद, मरुआ, सरगुजा, कुलथी आदि लगाए जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
बैठक में मुख्य रूप से झारखंड राज्य फसल राहत योजना, PMKISAN, JKRMY पर चर्चा करते हुए विस्तृत निर्देश दिये गये। झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत किसानों का निबंधन प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से पोर्टल पर किया जाना है, ताकि फसल क्षति होने पर उसका लाभ मिल सके। इस योजना के तहत फसल कटनी प्रयोग में 50 प्रतिशत से कम क्षति होने पर 3000 रुपये प्रति एकर और 50 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर 4000 रुपया प्रति एकड़ की दर से अधिकतम 5 एकड़ के लिए लाभ किसानों को मिलेगा। सभी को आदेश दिया गया कि किसानों के बीच इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए सभी को प्रज्ञा केंद्र में निबंधन के लिए भेजे।
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि PMKISAN सम्मान निधि योजना के लाभुकों को राशि का भुगतान आधार आधारित होना है। इसके लिए eKYC भी प्रज्ञा केंद्र में किया जा रहा है, ताकि उन्हें भारत सरकार से राशि प्राप्त होती रहे। इसके लिए भी आवश्यक निर्देश दिए गए।
झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत लगभग 16,000 लाभुकों का eKYC प्रज्ञा केंद्र में किया जाना है। इसकी सूची प्रखंड को भेजी जा चुकी है। सभी को आदेश दिया गया कि किसानों को प्रज्ञा केंद्र में जाकर eKYC कराने के लिए प्रेरित करें, ताकि उन्हें ऋण माफी का लाभ मिल सके।
जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा किसानों को विभागीय योजनाओं के माध्यम से हर तरह की सहायता उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया। बैठक में प्रज्ञा केंद्र के जिला प्रबंधक को पंचायतवार कैंप के माध्यम से फसल राहत में किसानों का निबंधन और PMKISAN के लाभुक का eKYC कराने का अनुरोध किया गया, ताकि किसानों को Door step पर इसकी सुविधा उपलब्ध हो सके। इस क्रम में उनके द्वारा आश्वत किया गया कि पंचायतवार इसकी तिथि निर्धारित कर लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित की जाएगी।