कोलकाता। देबाशीष नंदा ने सोमवार को कोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक (बिजनेस डेवलपमेंट) का कार्यभार संभाला। यह कार्यभार संभालने से पहले वह इंडियन ऑयल में कार्यकारी निदेशक (गैस) के पद पर कार्यरत थे।
यूसीई बुरला, संबलपुर विश्वविद्यालय से मकैनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने आरईसी राउरकेला से प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। उन्होंने आईआईएफटी, नई दिल्ली से मास्टर्स इन इंटरनेशनल बिजनेस की पढ़ाई भी की है।
नंदा ने 1988 में इंडियन ऑयल के मार्केटिंग डिविजन में बतौर मैनेजमेंट ट्रेनी अपनी सेवाओं की शुरुआत की। 11 वर्षों तक सर्वो ल्यूब्रिकेंट्स की मार्केटिंग से जुड़े कार्यों को देखा। साल, 1999 में उन्होंने कंपनी के बिजनेस डेवलपमेंट ग्रुप में कार्य शुरू किया, जहां कंपनी के बिजनेस डेवलपमेंट कार्यों का निर्वहन किया। खासकर कंपनी के ल्यूब्रिकेंट बिजनेस का विस्तार विदेश तक किए जाने में अहम भूमिका निभाई। पीओएल एक्सपोर्ट एवं इंडियन ऑयल की अनुषंगी कंपनियों के गठन में अहम योगदान दिया।
वर्ष 2009 में वे कंपनी के गैस बिजनेस के कार्यों से जुड़े, जहां आगे चलकर उन्होंने इंडियन ऑयल के ‘नैचुरल गैस’ बिजनेस को हेड किया, जिसका टर्नओवर 20 हजार करोड़ रुपये था। इंडियन ऑयल के नैचुरल गैस बिजनेस को नई उंचाइयों तक ले जाने में नंदा की कुशल रणनीतियों का अहम योगदान रहा और कंपनी के नेचुरल गैस बिजनेस का व्यापक विस्तार हुआ।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड सहित विभिन्न संस्थानों एवं औद्योगिक इकाइयों के साथ समन्वय कायम करते हुए नंदा ने विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। उन्होंने यूएस-इंडिया एनर्जी टास्क फोर्स की अगुआई भी की। बांग्लादेश व श्रीलंका आरएलएनजी एक्सपोर्ट के लिए पाइपलाइन से जुड़े कार्यों में अपनी सेवाएं दी। यूरिया प्लांट के लिए एचपी-एचटी डोमेस्टिक गैस के एग्रीगेटर की भूमिका भी उन्होंने निभाई।