कोलकाता। शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तारी के बाद पार्थ चटर्जी को मंत्रालय समेत सभी पदों से हटाए जाने की तेज होती मांग के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कैबिनेट बैठक के बाद बड़ा फैसला लिया है।
पश्चिम बंगाल से जुड़े शिक्षक भर्ती घोटाले में नाम आने के बाद उनको मंत्री पद से हटा दिया गया है। पार्थ चटर्जी फिलहाल उद्योग मंत्री थे। जब वह शिक्षा मंत्री थे, उस दौरान हुए घोटाले के लिए उनको गिरफ्तार किया जा चुका है।
इससे पहले पार्थ चटर्जी को निष्कासित करने की मांग के बीच पार्टी ने बृहस्पतिवार शाम एक बैठक बुलाई थी। बैठक की घोषणा ऐसे समय में की गई, जब कुछ घंटे पहले ही पार्टी के राज्य महासचिव एवं प्रवक्ता कुणाल घोष ने एसएससी घोटाले मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को पद से तुरंत हटाए जाने और पार्टी से भी तत्काल निष्कासित किए जाने की मांग की थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के अनुसार, चटर्जी से संबद्ध अपार्टमेंट से लगभग 50 करोड़ रुपये की नकदी और सोना बरामद किया गया है। इसके अलावा कुछ संपत्तियों तथा विदेशी मुद्रा से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
पार्टी के प्रवक्ता घोष ने सुबह नौ बजकर 52 मिनट पर ट्वीट किया, ‘‘पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल तथा पार्टी के सभी पदों से तत्काल हटाया जाना चाहिए। अगर मेरा बयान गलत लगे, तो पार्टी के पास मुझे भी सभी पदों से हटाने का अधिकार है। मैं तृणमूल कांग्रेस के एक सैनिक की तरह काम करता रहूंगा।”
उन्होंने बाद में पत्रकारों से कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर पूरा विश्वास है। घोष ने कहा, ‘‘वह (पार्थ चटर्जी) कह रहे हैं कि वह मंत्री पद से इस्तीफा क्यों दें। वह सार्वजनिक रूप से यह क्यों नहीं कह रहे कि वह निर्दोष हैं और उनका अर्पिता मुखर्जी से कोई संबंध नहीं है?