- बीएयू में बेहतर नियोजनीयता के लिए मुख्य योग्यताएं विषय पर व्याख्यान
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को ‘बेहतर रोजगार क्षमता के लिए मुख्य योग्यताएं’ विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कटक (उड़ीसा) स्थित राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के सामाजिक विज्ञान प्रभाग के अध्यक्ष डॉ जीएके कुमार मुख्य वक्ता थे।
डॉ कुमार ने कहा कि समय पर उचित निर्णय लेने की क्षमता करियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। डिसीजन मेकिंग प्रोसेस में समस्या का विश्लेषण, सम्बद्ध पक्षों की सुनना, आवश्यक सूचना एकत्र करना, तार्किक आधार, समय प्रबंधन और संचार कौशल महत्वपूर्ण घटक हैं। लोगों से निसंकोच मिलने-जुलने, दो पक्षों में तालमेल बिठाने और डिप्लोमेसी का गुण भी जरूरी है। आगे बढ़ने और अपने अनुकूल स्थान बनाने के लिए पहल लेने की क्षमता, एप्रोच में लचीलापन, दूसरों को प्रेरित-प्रोत्साहित करने की क्षमता, रिस्क लेने का स्वभाव, तार्किकता और लीक से हटकर आउट आफ द बॉक्स थिंकिंग का गुण होना भी जरूरी है।
डॉ कुमार ने कहा कि बेहतर नियोजनीयता के लिए आत्मविश्वास से भरा होना, नेतृत्व क्षमता, करियर क्षेत्र और संभावनाओं के बारे में पूर्ण जागरूकता, व्यक्तित्व में उत्साह तथा रणनीतिक सोच की क्षमता भी आवश्यक है।
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए नया कुछ जानने की प्रवृत्ति व्यक्तित्व में जरूर होनी चाहिए। इसलिए क्लास रूम में अपने शिक्षकों के समक्ष अपनी जिज्ञासा जरूर रखें क्योंकि जो नहीं पूछते हैं उन्हें या तो सबकुछ आता है या कुछ भी नहीं आता है।
राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान से आए वैज्ञानिक डॉ सुदीप्त पाल ने कृषि और संबद्ध विषयों में स्नातक, मास्टर और पीएचडी डिग्री रखने वाले लोगों के लिए सरकारी, अर्द्ध सरकारी संगठनों, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय शोध एवं अकादमिक संस्थानों, बैंक एवं वित्तीय संस्थानों, कारपोरेट सेक्टर तथा एनजीओ में करियर संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
बीएयू के परामर्श एवं प्लेसमेंट सेल के समन्वयक डॉ बीके झा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय प्रवेश किया।