महाराष्ट्र। देश में चल रहे ज्ञापवापी सहित अन्य मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा कि हमें सबको जोड़ना है। संघ भी सबको जोड़ने का काम करता है। जीतने के लिए नहीं। आपसी सहमति से रास्ता खोजें। हमें विवाद क्यों बढ़ाना है।
नागपुर में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि क्या हम ‘विश्वविजेता’ बनना चाहते हैं? नहीं हमारी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है। हमें किसी को जीतना नहीं है। हमें सबको जोड़ना है। संघ भी सबको जोड़ने का काम करता है जीतने के लिए नहीं। भारत किसी को जीतने के लिए नहीं, बल्कि सभी को जोड़ने के लिए अस्तित्व में है।
भागवत ने कहा कि मन में कोई मुद्दे हो तो उठ जाते हैं। यह किसी के खिलाफ नहीं है। इसे ऐसा नहीं माना जाना चाहिए। मुसलमानों को ऐसा नहीं मानना चाहिए और हिंदुओं को भी ऐसा नहीं करना चाहिए। कुछ ऐसा है तो आपसी सहमति से रास्ता खोजें।
आरएसए प्रमुख ने कहा कि हर बार रास्ता नहीं निकल सकता, जिसके कारण लोग अदालत जाते हैं। अगर ऐसा किया जाता है तो अदालत जो भी फैसला करे उसे स्वीकार करना चाहिए। हमें अपनी न्यायिक प्रणाली को पवित्र और सर्वोच्च मानते हुए फैसलों का पालन करना चाहिए। हमें इसके फैसलों पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।
भागवत ने कहा कि ज्ञानवापी का मुद्दा चल रहा है। इतिहास तो है जिसे हम बदल नहीं सकते। इसे ना आज के हिंदुओं ने बनाया और ना ही आज के मुसलमानों ने। ये उस समय घटा। हमलावरों के जरिए इस्लाम बाहर से आया था। उन हमलों में भारत की आजादी चाहने वालों का मनोबल गिराने के लिए देवस्थानों को तोड़ा गया।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि कुछ जगहों के प्रति हमारी अलग भक्ति थी। हमने उसके बारे में बात की, लेकिन हमें रोजाना एक नया मुद्दा नहीं लाना चाहिए। हमें विवाद को क्यों बढ़ाना? ज्ञानवापी के प्रति हमारी भक्ति है। उसी के अनुसार कुछ करना ठीक है, लेकिन हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों?