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big news : झारखंड के सरकारी कर्मचारियों की प्रोन्‍नति पर लगी रोक हटी

झारखंड मुख्य समाचार
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रांची। झारखंड के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी। सरकार ने उनकी प्रोन्‍नति पर लगी रोक हटा दी है। कुछ स्‍पटीकरण के साथ इसका आदेश प्रधान कार्मिक सचिव वंदना दादेल ने 3 जून, 2022 को जारी कर दिया है। इसकी जानकारी सभी अपर मुख्‍य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्‍यक्ष, प्रमंडलीय आयुक्‍त, उपायुक्‍त को दी है। पत्र के आलोक में आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

कार्मिक सचिव ने आदेश में लिखा है कि राज्य कर्मियों की प्रोन्नति में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के वरीय सरकारी सेवकों को प्रोन्नति से वंचित कर सामान्य वर्ग के कनीय कर्मियों को दी गयी प्रोन्नति की शिकायत पर विधान सभा में उठाये गये प्रश्न के आलोक में विधान सभा द्वारा एक विशेष समिति का गठन किया गया था। इस मामले की जांच की गयी थी, जिस क्रम में राज्य सरकार द्वारा 24 दिसंबर, 2020 को तत्काल प्रभाव से प्रोन्नति की प्रक्रिया स्थगित की गयी थी। झारखंड विधानसभा सचिवालय के कार्यालय के माध्यम से विशेष समिति का प्रतिवेदन 19 मार्च, 2021 राज्य सरकार को प्राप्त हो चुका है।

सचिव ने लिखा है कि प्रोन्नति पर जारी रोक के कारण झारखंड उच्च न्यायालय में कतिपय वाद/अवमाननावाद दायर हुए। इस क्रम में 13 जनवरी, 2022 को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा प्रोन्नति पर जारी रोक संबंधी परिपत्र को निरस्त किया जा चुका है। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में प्रोन्नति पर जारी स्थगन संबंधी आदेश को निम्न स्पष्टीकरण के साथ आहरित किया जाता है।

सचिव ने न्‍यायालय के निर्णय और केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के आदेश का हवाला देते हुए लिखा है कि वरीयता-सह-पात्रता के प्रावधान के अंतर्गत प्रोन्नति प्रदान करने अथवा विचार करते समय, मूल कोटि की वरीयता सूची में वरीयता क्रम में सामान्य वर्ग से उपर रहने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सरकारी सेवकों को अनारक्षित रोस्टर बिन्दु पर प्रोन्नति अनुमान्य होगी। इस क्रम में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के वरीय सरकारी सेवकों को अनारक्षित बिन्दु पर पदोन्नत करते समय यह देखा जाना आवश्यक नहीं है कि उनकी नियुक्ति मेघा के आधार पर हुई अथवा आरक्षण के आधार पर। उपरोक्त के अनुसार प्रोन्नति की कार्रवाई सुनिश्चित की जाय।