रांची। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल से 70 किलोमीटर दूर गुड़ाबांदा प्रखंड के बीहड़ों में बेशकीमती पन्ना रत्न का भंडार है। पिछले दिनों भूतत्व एवं खान विभाग की ओर से पन्ना रत्न भंडार का सर्वे किया गया था। यह इलाका अति नक्सल प्रभावित माना जाता है।
पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल स्थित गुड़ाबांदा प्रखंड के बीहड़ में बारूनमूठी, ठुरकूगोड़ा और बारीकियां गांव से सटे पहाड़ों में बेशकीमती पन्ना रत्न का भंडार है। पिछले दिनों भूतत्व एवं खान विभाग के मुख्य निरीक्षक ज्योति शंकर सतपति के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम ने पन्ना रत्न भंडार का सर्वे किया था। टीम के सदस्यों ने तीनों जगहों से पत्थरों का सैंपल लिया था। ड्रोन कैमरे से इलाके की फोटोग्राफी भी कराई थी।
घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन की पहल पर हेमंत सोरेन सरकार ने पन्ना रत्न भंडार का सर्वे कराया था। इसके पहले भी यहां सर्वे हो चुका है और पूरी रिपोर्ट राज्य सरकार को खान एवं भूतत्व विभाग दे चुकी है। राज्य सरकार ने केंद्र को रिपोर्ट भेजी थी, लेकिन कोरोना संकट के कारण मामला अधर में लटक गया था। अब फिर से एक बार गुड़ाबांधा इलाके में पन्ना रत्न भंडार का सर्वे कराया गया। इससे इस बीहड़ इलाके की तस्वीर और तकदीर बदलेगी।
सर्वे टीम की मानें तो बीहड़ों में करीब 600 एकड़ वन भूमि और पहाड़ों में पन्ने का भंडार है। पहले के सर्वे में भूतत्व विभाग ने दावा किया था कि इन तीनों गांवों से सटे पहाड़ों में लगभग 6700 किलो पन्ने का भंडार है। 20 मीटर गहराई तक भंडार होने का दावा किया गया था। भूतत्ववेताओं के अनुसार यहां का पन्ना रत्न उच्च क्वालिटी का है।