
खूंटी। नदी बचाओ अभियान के तहत मंगलवार को मुरहू प्रखंड के बम्हनी गांव के सीमान पर ग्रामसभा द्वारा बनई नदी पर एक बोरीबांध और दूसरा पत्थरों से बांध बनाया। यहां बांध बनाने में डेढ़ सौ ग्रामीणों को तीन घंटे का समय लगा। ग्राम प्रधान बिरसा मुंडा ने कहा कि बोरीबांध बनने के बाद एक किलोमीटर दूर तक नदी में पानी जमा होगा।
एक और बोरीबांध बनेगा
ग्राम प्रधान ने कहा कि अवैध बालू उठाव के कारण बनई नदी अपनी सतह से काफी नीचे चली गई है। इससे नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। ग्रामसभा ने जिला प्रशासन और सेवा वेलफेयर सोसाईटी के साथ मिलकर इस नदी को बचाने का काम शुरू किया है। इसके तहत ग्रामसभा में लिए गए निर्णय के अनुसार बनई नदी पर बोरीबांध बनाया गया। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक और बोरीबांध इस नदी पर बनाया जाएगा।
पत्थरों से भी बनाया बांध
नदी को बचाने के लिए बम्हनी के ग्रामीण आगे आए हैं। इस कारण मंगलवार को बोरीबांध के साथ उसके बगल में सूखी नदी पर बड़े-बड़े पत्थरों को आठ-दस लोगों से सहयोग से लुढ़का-लुढ़का कर लाया और बांध बनाया। ग्रामीणों ने बताया कि पत्थरों का बांध बनाने का उद्देश्य यह है कि बरसात के मौसम में जब घास और थेथर के पौधे बहकर आएंगे, तब इस बांध में फंसेंगे। उसके उपर मिट्टी और बालू चढ़ेगा, जिससे नदी का सतह उपर आएगा।
नहाकर किया सामूहिक भोजन
बम्हनी गांव में नदी पर पुरूषों द्वारा बांध बनाए गए। बागीचा में महिलाएं भोजन पका रहीं थीं। बांध बनने के बाद ग्रामीणों ने उसमें स्नान किया और उसके बाद आम बगीचा में आकर सबने सामूहिक रूप से भोजन किया।
इन सदस्यों ने किया श्रमदान
बांध निर्माण में श्रमदान करने वालों में ग्राम प्रधान बिरसा मुंडा, नमजन कंडुलना, मसीह मुंडू, राणा ढ़ोढ़राय, सोमा पाहन, पौलुस मुंडू, पिपिन पूर्ति, उजियस ढ़ोढ़राय, विजय ढ़ोढ़राय, बिरसा पौलुस मुंडू समेत ग्रामसभा के सभी सदस्यों ने श्रमदान किया।