चिकित्सा संस्थान की धरोहर है सीआईपी : डॉ कामेश्वर प्रसाद

झारखंड
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  • केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान ने मनाया 105वां स्‍थापना दिवस

रांची। झारखंड की राजधानी रांची के कांके स्थित केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान (सीआईपी) ने 17 मई को 105वां स्थापना दिवस मनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। मुख्य अतिथि रांची रिम्स के निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर कामेश्वर प्रसाद और गेस्ट ऑफ ऑनर झारखंड के चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर राकेश मिश्रा थे।

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर डॉ बासुदेब दास ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान के स्थापना से लेकर आज तक के विकास पर संक्षिप्त प्रकाश डाला। उन्‍होंने बताया कि अंग्रेजों ने इस अस्पताल की स्थापना 17 मई, 1918 को रांची यूरोपियन ल्यूनेटिक एसाइलम के नाम से की थी। इसे हम आज सीआईपी के नाम से जानते हैं। सीआईपी ने कई बदलावों को देखते हुए एक सौ पांच वर्ष का समय पूरा करते हुए एक लंबा सफर तय किया है।

निदेशक ने बताया कि संस्थान में एमडी, एमफिल के सीटों में बढ़ोतरी के साथ ही सीआईपी देश में मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर प्रशिक्षण का एक उत्कृष्ट स्थान हासिल किए हुए है। सीआईपी मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्र में कई नवाचारों के साथ मरीजों को निश्चित एवं संपूर्ण मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।

रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि‍ सीआईपी चिकित्सा संस्थान की एक धरोहर है, जिसकी जड़े पुरानी एवं बेजोड़ है। यह अनूठी परंपरा का निर्वहन कर रही है। इसके स्वर्णिम भविष्य की कामना की। इन्होने सीआईपी के द्वारा कोविड-19 के समय में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उनकी सराहना की। कहा कि‍ न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में ध्यान और विकास की देने की जरूरत है।

गेस्ट ऑफ ऑनर राकेश मिश्रा ने मानसिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य में टेक्नोलॉजी के उपयोग एवं महत्व के बारे में बतया। सीआईपी के प्रशासी अधिकारी डॉ अविनाश शर्मा ने धन्यवाद किया।

स्थापना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में ‘मेंटल हेल्थ इन पोस्ट कोविड-19 वर्ल्ड’ पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें डॉ शोभित गर्ग, डॉ प्रीति मिश्रा और डॉ के प्रसाद ने क्रमशः साइकाइट्रिक प्रैक्टिस, ग्रीफ एवं सोशल रेसिलियंस पर अपने-अपने विचार और अनुभव साझा किये।

इसके बाद बैच 2010, 2011, 2012 और 1995, 1996 एवं 1997 का एल्‍यूमिनी मीट का आयोजन किया गया। वार्षिक बैठक का समापन हुआ।