रांची। संतोष कॉलेज ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग एंड एजुकेशन की लीगल लिटरेसी क्लब और झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) के संयुक्त तत्वावधान में रांची व्यवहार न्यायालय में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में मध्यस्थता के प्रति जन जागरुकता लाना था। कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्या डॉ शुभ्रा ठाकुर के संबोधन एवं विषय प्रवेश के साथ हुआ। प्रस्तुत नाटक के माध्यम से मध्यस्थता के महत्व को दर्शाया गया। अभिनय के माध्यम से मध्यस्थता प्रक्रिया की जीवंत प्रस्तुति की गई। इसमें भूमि विवाद एवं घरेलू झगड़ों के निपटारे को दिखाया गया।
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि मध्यस्थता द्वारा कई विवादों को सुलझाया जा सकता है। कोर्ट-कचहरी की लंबी कानूनी प्रक्रिया से बचा जा सकता है। यह कार्यक्रम डालसा सचिव कमला कुमारी और ज्यूडिशियल कमिश्नर अरुण कुमार राय के सौजन्य से हुआ।
मौके पर ज्यूडिशियल कमिश्नर अशोक कुमार राय, रजिस्ट्रार दिग्विजय नाथ शुक्ला, एडवोकेट रवि शंकर प्रसाद, निरंजन नाग आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर डालसा सचिव कमला कुमारी ने कहा कि वर्षों पुराने विवाद का निदान मेडिएशन से संभव है। वर्तमान समय में मध्यस्थता की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है।
संस्थान की निदेशिका डॉ रश्मि ने कहा कि मध्यस्थता एक परंपरागत विधि है, जो आधुनिक समय में भी अपना अस्तित्व बनाए हुए है। छोटे-छोटे मामलों को संवाद से सुलझाया जा सकता है। मध्यस्थता से हम अपना समय, श्रम, पैसा एवं उम्र को बचाते हैं। मौके पर सभी व्याख्याता एवं प्रशिक्षु शिक्षक उपस्थित थे।