रांची। पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति समर्पित पद्मश्री सिमोन उरांव के जीवन और उनके कार्यों पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘झरिया (द स्प्रिंग)’ को स्पेशल ज्यूरी मेंशन अवार्ड मिला है। इसे नई दिल्ली में आयोजित 11वीं सीएमएस वातावरण फिल्म फेस्टिवल में एन्विरोमेंटल कॉन्सर्वेशन कैटेगॉरी में स्पेशल ज्यूरी मेंशन अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
इस फेस्टिवल का आयोजन 11 से 23 अप्रैल, 2022 तक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में हुआ था। इस फिल्म के निर्देशक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित बीजू टोप्पो और निर्माता पीएसबीटी हैं। इस फिल्म के माध्यम से निर्देशक बीजू टोप्पो ने सिमोन बाबा के रांची के बेड़ो स्थित खखसी टोली गांव में पर्यावरण बचाने और जल संरक्षण के तरीके को बखूबी दिखाया है। इस फिल्म को दूरदर्शन दिल्ली के माध्यम से पहले भी दिखाया गया है।
अवार्ड की घोषणा होने के बाद इस फिल्म के निर्देशक बीजू टोप्पो ने कहा कि आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन से जूझ रहा है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र जल संकट से जूझ रहे हैं। कुछ ही लोग हैं, जो इस दुनिया में जीवों के जीवन की रक्षा और संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निरक्षर होने के बावजूद सिमोन उरांव पर्यावरण के संरक्षण के प्रति गंभीर हैं।
बीजू टोप्पो ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म का नाम ‘झरिया’ के संबंध में कहा कि झरिया का मतलब पहाड़ी जलधारा है, जो सालों भर बहती रहती है। पद्मश्री सिमोन ने अपने साथी ग्रामीणों के साथ मिलकर कृषि भूमि बनाने के लिए बांध और तालाब बनाने का काम किया था। गांव वालों को ध्यान में रखते हुए इस फिल्म को झरिया रखा गया है, ताकि वे भी इससे रिलेट कर सकें।