फिशरीज साइंस कॉलेज के विद्यार्थियों ने स्टूडेंट रेडी प्रोग्राम में ट्रेनिंग की पूरी

झारखंड
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  • केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, कोलकाता में छात्रों को ट्रेनिंग मिली

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अधीन संचालित राज्य के एकमात्र गुमला स्थित कॉलेज ऑफ फिशरीज साइंस के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों ने स्टूडेंट रेडी प्रोग्राम के तहत 15 दिवसीय ट्रेनिंग प्राप्त की। इस कॉलेज के दूसरे बैच वर्ष 2018-22 के 25 छात्र-छात्राओं के दल ने आईसीएआर-केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान (मुंबई) की कोलकाता इकाई में ट्रेनिंग पूरी की।

एसोसिएट डीन डॉ एके सिंह के मुताबिक रेडी शब्द का अर्थ ‘ग्रामीण उद्यमिता जागरुकता विकास योजना’ है। इसके तहत अध्ययनरत स्नातकों को रोजगार सुनिश्चित करने और कराने, उभरते विषय ज्ञान की गहन जानकारी एवं उद्यमिता को विकसित करने की शुरुआत की परिकल्पना है, ताकि व्यावहारिक अनुभव सुनिश्चित करते हुए डिग्री प्रदान करने की आवश्यक शर्त पूरी की जा सके। प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर (रेडी) डॉ परसंता जाना और डॉ हरिओम वर्मा के निर्देशन में कॉलेज के छात्र 6 माह के कोर्स को पूरा कर रहे हैं।

छात्रों के साथ गए कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ ज्ञानदीप गुप्ता ने बताया कि केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान (कोलकाता) में पाठ्यक्रम निदेशक डॉ जीएच पाईलन, पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ सुभेंदु दत्ता एवं डॉ सुमन मन्ना ने प्रोग्राम का संचालन किया। इस 15 दिवसीय ट्रेनिंग में छात्रों को डॉ गौरंगा विश्वास ने जलीय कृषि तकनीकी के अंतर्गत कार्प फिश प्रजनन की जानकारी दी। डॉ जीएच पाइलन एवं डॉ डीके सिंह ने मछ्ली पोषण, आहार की रणनीति, फीड सामग्री आदि के अनुमानित विश्लेषण के बारे में बताया। डॉ बीके महापात्रा ने अलंकृत मछ्ली प्रजनन एवं उससे जीविकोपार्जन के सबंध में विस्तृत जानकारी दी।

ट्रेनिंग के दौरान छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए मछ्ली प्रसंस्करण फैक्ट्री, कोलकाता का भ्रमण डॉ पीके बहेरा ने कराया।

छात्र दल को फिश फीड उद्योग भ्रमण के तहत बैरकपुर स्थित शस्य श्यामला कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), दक्षिण 24 परगना द्वारा नालबन सीवेज फेड मत्स्य पालन, सजावटी मछ्ली बाजार,मछ्ली फार्म का दौरा, नैहाटी बीज बाजार के भ्रमण से छात्रों के 4 वर्षीय पढ़ाई को एक नई दिशा देने का कार्य किया गया। वहां डॉ जगपाल एवं डॉ स्टानजीन गावा ने झारखंड के छात्रों को फिशरीज साइंस में संभावना एवं अवसर विषयक नवीन जानकारियों से ऊर्जा प्रदान की। इससे प्रेरित होकर कुछ छात्रों ने इन विशेषज्ञों के सहयोग से झारखंड की मत्स्य क्षेत्र के विकास के लिए मछ्ली प्रसंस्करण संयंत्र एवं मत्स्य फीड उद्योग सबंधी प्रोजेक्ट की मदद से झारखंड के कृषि मंत्री एवं मत्‍स्‍य निदेशक को ज्ञापित करेंगे, ताकि मत्स्य के क्षेत्र में कॉलेज एवं राज्य एक नया आयाम स्थापित करें। राज्य में जल कृषकों का सम्पूर्ण विकास हो सके।

प्रशिक्षण के पूरा होने पर संस्थान प्रभारी डॉ जीएच पाईलन ने छात्रों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये। उनके उज्‍ज्‍वल भविष्य की कामना की। प्रशिक्षण के बाद छात्रों के दल को  आईसीएआर-बेकरीश वाटर संस्थान, काकड़ीप के लिया विदा किया गया, जहां यह दल अगला 7 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेगा।