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जेबीसीसीआई की बैठक : प्रबंधन के प्रस्‍ताव पर यूनियन ने कहा, मजदूरों का नहीं करें उपहास

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कोलकाता। कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते को लेकर जेबीसीसीआई की चौथी बैठक 22 अप्रैल को कोलकोता में हुई। यूनियनों ने प्रबंधन के 3 प्रतिशत न्यूनतम गारंटी लाभ के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया। इसमें श्रमिक प्रतिनिधियों ने सीएमपीडीआई और एमईसीएल के विलय का विरोध किया। इस मामले को लेकर कोयला मंत्रालय में बात रखने पर सहमति बनी।

कोल इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल की अध्यक्षता में बैठक हुई। शुरुआत में प्रबंधन ने वेतन समझौते में 3 प्रतिशत न्यूनतम गारंटी लाभ का प्रस्ताव दिया। एटक के लखनलाल महतो के मुताबिक यूनियन ने प्रबंधन से कहा कि मजदूरों का उपहास नहीं करे। प्रबंधन के ऑफर से ऐसा लगता है कि वह वेतन समझौते पर संवेदनशील नहीं है। प्रबंधन पुनर्विचार करें और ठोस प्रस्ताव लाए।

यूनियन ने कहा कि ऐसे प्रस्ताव से मजदूरों का मनोबल गिरेगा। जग हंसाई भी होगी। प्रबंधन के इस प्रस्ताव पर यूनियनों ने अलग से बैठक की। एक राय होते हुए प्रबंधन के प्रस्ताव को खारिज किया। बैठक प्रबंधन के प्रस्ताव के तुरंत बाद खत्म हो गई।

श्रमिक संगठनों ने सीएमपीडीआई के विलय के निर्णय के खिलाफ प्रस्ताव पारित कि‍या। यूनियनों ने आंदोलन की चेतावनी दी। प्रबंधन से कहा कि चेयरमैन इस मामले में मंत्रालय से बात करें। यह भी तय हुआ कि इसे लेकर एक प्रतिनिधिमंडल कोयला मंत्रालय से मिलने जाएगा। जेबीसीसआई की अगली बैठक जून में होगी।

बैठक में बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल, एसईसीएल, एससीसीएल, कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक, एसईसीएल सिंगरेनी के निदेशक एवं यूनियनों की तरफ से बीएमएस के लक्ष्मीया रेड्डी, सुरेंद्र कुमार पांडे ,सुधीर घुरड़े, एटक से रमेंद्र कुमार, आरसी सिंह, लखन लाल महतो, सीता रमैया, हरिद्वार सिंह, सीटू से डीडी रामानंदन, सुजीत भट्टाचार्य, शिव कुमार यादव, सिद्धार्थ गौतम रघुनंदन राघव इत्यादि उपस्थित थे।