उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव को लेकर मुस्लिम नेताओं में नाराजगी बढ़ती दिख रही है। अब ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिज़वी ने राज्य में मुसलमानों से सपा के अलावा दूसरे विकल्पों पर विचार करने की नसीहत दी है।
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सपा में काफी फर्क है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव को दाढ़ी और टोपी वाले मुसलमानों से ना सिर्फ परहेज, बल्कि नफरत है। मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा, ‘मुसलमानों को अब धर्मनिरपेक्षता का ठेका लेना बंद कर देना चाहिए और अपनी राजनीति और अपनी भागीदारी के बारे में नए सिरे से बात करनी चाहिए। जब तक कि वे किसी एक खास पार्टी के सहारे जीते हैं, उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। मुसलमानों को अब नई रणनीति बनानी चाहिए।’
मौलाना ने मुसलमानों को मशवरा देते हुए कहा कि ‘अब नए हालात हैं और नए तकाज़े हैं। इसे देखते हुए समाजवादी पार्टी के अलावा दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए और किसी भी पार्टी के खिलाफ मुखर होकर दुश्मनी मोल नहीं लेनी चाहिए।’
वह कहते हैं, ‘मैंने चुनाव के दौरान मुसलमानों को अगाह किया था कि अखिलेश यादव मुसलमानों के हितैषी नहीं हैं। इन्होंने हर जगह मुस्लिम बडे़ चेहरों को पीछे रखने की कोशिश की और अकेले चुनाव प्रचार करते रहे। मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में ज़मीन और आसमान का फ़र्क है। इसलिए मुसलमान विकल्पों पर विचार-विमर्श करें।’