गोपालगंज। अपहरण और हत्या के आरोप में देवरिया के एक युवक को पूरी जवानी गोपालगंज जेल में गुजारनी पड़ी। जब उसकी उम्र 56 साल की हो गई, तो कोर्ट ने उसे बेगुनाह पाया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-5 विश्वविभूति गुप्ता की अदालत ने उसे दोषमुक्त पाते हुए बाइज्जत बरी कर दिया।
कोर्ट का फैसला सुनते ही अधेड़ हो चुका वह व्यक्ति कोर्ट में फूट-फूट कर रो पड़ा। कोर्ट ने पुलिस की चूक पर टिप्पणी भी की। ट्रायल के दौरान पुलिस न तो कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रख सकी और केस के आइओ और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर गवाही देने के लिए आए। पुलिस चार्जशीट तक नहीं सौंप पायी।
मामला वर्ष 1993 का है। यूपी स्थित देवरिया के बीरबल भगत को भोरे थाने के हरिहरपुर निवासी सूर्यनारायण भगत के अपहरण व हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बीरबल भगत को पुलिस ने जब गिरफ्तार किया था, तो उसकी उम्र 28 वर्ष थी। आज 56 वर्ष के बाद वह जेल से बाहर हुआ। उसे अपराधी मानकर परिजन व रिश्तेदारों ने भी उसे जेल में छोड़ दिया। किसी ने जमानत तक कराने के लिए कोर्ट में अर्जी नहीं दी और न ही कोई जेल में मिलने आया।