बिरसा कृषि विश्‍वविद्यालय में दो दिवसीय खेल महोत्सव का आगाज

झारखंड
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  • छात्र जीवन में शिक्षा व खेल की अहम् भूमिका : डॉ ओंकार नाथ सिंह

रांची। बिरसा कृषि विश्‍वविद्यालय में दो दिवसीय खेल महोत्‍सव का आगाज बुधवार को हुआ। इसका शुभारंभ कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने किया। इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि छात्र जीवन में भावी बढ़िया जीवन निर्माण का एक महत्वपूर्ण अवसर है। छात्रों के लिए शिक्षा के साथ खेलकूद भी जरूरी है। आधुनिक छात्र जीवन में शिक्षा व खेल की अहम् भूमिका है। खेल हमें अनुशासन में रहकर सफलता दिलाती है। अनुशासन के बिना सफलता संभव नहीं है। खेल भावना बनाये रखने से जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर सुगम होगा।

मौके पर एग्रीकल्चर कॉलेज रांची, हॉर्टिकल्चर कॉलेज खूंटपानी (चाईबासा) एवं एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग कॉलेज, रांची के छात्र-छात्राओं के दल ने मार्च पास्ट किया। कुलपति को सलामी दी। छात्र खेल सचिव पीए सोरेन ने छात्रों संग मशाल के साथ मैदान की दौड़ लगाई। खेल उत्सव में शामिल छात्रों ने अनुशासन, खेल भावना एवं समन्वय की शपथ ली।

विशिष्ठ अतिथि निदेशक अनुसंधान डॉ ए वदूद ने खेल को कृषि शिक्षा का जरूरी अंग बताया। खेल एवं जीवन में हमेशा जीतने की कोशिश करने को कहा। छात्र कल्याण निदेशक डॉ डीके शाही ने कृषि विश्वविद्यालय में खेलों के विकास एवं भूमिका पर प्रकाश डाला। खेल समिति अध्यक्ष डॉ एस कर्माकार ने कहा कि खेल में सौ प्रतिशत शारीरिक प्रदर्शन आवश्यक है। उन्होंने छात्रों को आनंद अनुभव के साथ छात्रों को खेल उत्सव मनाने की सलाह दी।

स्वागत करते हुए में डीन एग्रीकल्चर डॉ एसके पाल ने बताया कि दो वर्षों के बाद विश्वविद्यालय परिसर में खेलकूद प्रतियोगिता हो रही है। खेल हमें भाई चारगी के साथ जीना सिखाता है। संचालन डॉ एके तिवारी और धन्यवाद खेल सचिव डॉ नीरज कुमार ने कि‍या।

मौके पर डॉ सुशील प्रसाद, डॉ एमके गुप्ता, डॉ एन कुदादा, डॉ सोहन राम, ई डीके रूसिया, डॉ राकेश कुमार, डॉ विनय कुमार, डॉ एचसी लाल, डॉ प्रवीन कुमार सहित शिक्षक, वैज्ञानिक एवं कर्मचारी मौजूद थे। पहले दिन प्रतियोगिता में डॉ शशि किरण तिर्की के मार्गदर्शन एवं खेल प्रशिक्षक शशांक भूषण सिंह, शेर खान, मेघनाथ महतो एवं छात्रा सिमरन सिमरॉय के सहयोग से एथीलीटिक स्पर्धा का सफल संचालन किया गया।