योगेश कुमार पांडेय
जमुआ (गिरिडीह)। पोषण सखी जमुआ प्रखंड ईकाई की बैठक शनिवार को उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय जमुआ परिसर में हुई। संघ की प्रदेश उपाध्यक्ष रजिया खातून ने बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के छह जिला में केंद्र प्रायोजित अम्ब्रेला आईसीडीएस के अंतर्गत आंगनबाड़ी सेवा योजना के अधीन 10 हजार 388 अतिरिक्त आंगनबाड़ी सेविका सह पोषण परामर्शी (पोषण सखी) का चयन 2016 में सरकार की दिशा निर्देश पर किया गया था।
साल 2016 से लेकर 2022 तक आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण, कोविड 19 का सर्वेक्षण सह वैक्सीनेशन, पोलियो, बीएलओ, कुपोषित बच्चों का सर्वे व एमटीसी में दाखिला सहित केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न दिशानिर्देशों का पालन करते हुए कार्य कराया गया। झांसे में रखकर रांची का धरना और अनशन तुड़वाया गया। अब सेवा स्थायी करने के बजाय हेमंत सरकार पोषण सखी को सेवा मुक्त करने का तुगलकी फरमान जारी कर उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। सरकार झारखंडी मिट्टी और नारी अस्मिता की रक्षक नहीं, बल्कि भक्षक है। अब जोरदार और आर या पार की लड़ाई होगी।
प्रखंड अध्यक्ष अंजली देवी ने कहा कि केंद्र प्रायोजित बताकर सेवा मुक्त करना न्यायोचित नहीं है। हेमंत सरकार फिर सेवा ही क्यों ले रही थी। अब पोषण सखी कहां जाएंगी। उनके परिवार का क्या होगा। सत्ता के मद में चूर सरकार को तुगलिक फरमान काफी महंगा पड़ेगा। बैठक में सरकार के विरुद्ध नारे लगाये गए। फिर से सेवा बहाली की दिशा में विचार करने की मांग की गई। आंदोलन के लिए ठोस रणनीति बनाई गई।
मौके पर उपाध्यक्ष कुसुम बानो, सचिव ब्यूटी गुप्ता, कोषाध्यक्ष मंजू देवी, गीता कुमारी, सुनीता कुमारी, कविता कुमारी, खुशबू प्रवीण, जुबैदा खातून ने भी विचार रखें। उक्त अवसर पर उर्मिला देवी, कुलसुम बानो, रेखा कुमारी, चंद्रिका देवी, कंचन कुमारी, सविता कुमारी, रेणु कुमारी, किरण कुमारी, ममता कुमारी, सोनी देवी, शमा प्रवीण, उषा कुमारी सहित 196 पोषण सखी मौजूद थे।