प्रशांत अंबष्ठ
गोमिया। गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने आईईएल पर आदिवासी रैयतों की खतियानी जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया है। इस बाबत उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 29 मार्च को पत्र लिखा है। उन्होंने रैयतों की जमीन वापस दिलाने और प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। सीएम ने इसे गंभीरता से लिया है। बोकारो डीसी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
पूर्व विधायक ने पत्र में ग्राम करमाटांड़, कसवागढ़, शहर टोला, खम्हारा और चीतु के 7 रैयतों के नाम और उनकी खतियानी जमीन का उल्लेख भी किया है। कहा है कि इनकी जमीन पर आईईएल प्रबंधन द्वारा गैर-कानूनी तरीके से कब्जा किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया है कि जब उक्त भूमि पर रैयत खेतीबारी करने जाते हैं, तब प्रबंधन द्वारा उन्हें प्रशासन का भय दिखा कर डराया धमकाया जाता है। केस करने की धमकी दी जाती है।
विधायक ने लिखा है कि उक्त जमीन आदिवासी रैयतों की खतियानी भूमि है। इसका लगान रसीद वर्ष 2021-22 तक निर्गत है। उन्होंने मुख्यमंत्री से तथ्यों की जांच कराकर आदिवासी रैयतों की खतियानी जमीन वापस कराने की मांग की है।
पूर्व विधायक ने कहा कि कोविड काल मे जब कोरोना वायरस के दौरान सरकार के दिशा निर्देशों के तहत ग्रामीण अपने घरों में थे, तब आईईएल प्रबंधन खतियानी जमीनों में फेंसिंग कर रहा था। विरोध करने पर रैयतों को डराया जाता था। क्षेत्र भ्रमण के दौरान सियारी के कई गांव मौजा के ग्रामीणों ने उनसे शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि आईईएल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद द्वारा सौंपे गए पत्र को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है। बोकारो उपायुक्त को कार्रवाई के लिए निर्देश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सौंपे गए पत्र में ही उपायुक्त को अतिशीघ्र कार्रवाई के लिए अनुमोदन करते हुए निर्देश दिया है।