- हजारीबाग स्थित इस परियोजना का वार्षिक उत्पादन क्षमता 15 मिलियन टन होगी
रांची। सीसीएल की चंद्रगुप्त खुली खदान परियोजना को माइन डेवलपर कम ऑपरेटर (एमडीओ) मोड के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। यह झारखंड के हजारीबाग जिले में स्थित है। परियोजना के संचालन के लिए सीसीएल और मेसर्स सूसी चन्द्रगुप्त कोल माइन प्राइवेट लिमिटेड में एमओयू हुआ।
हजारीबाग जिले में 1495 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस मेगा प्रोजेक्ट की वार्षिक उत्पादन क्षमता 15 मिलियन टन (एमटी) होगी। इस परियोजना के माध्यम से 25 वर्षों में 339.30 एमटी नॉन-कोकिंग कोयले का उत्पादन किया जाएगा। परियोजना को माइन डेवलपर कम ऑपरेटर (एमडीओ) मोड के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है।
एमडीओ के तहत सीसीएल की ओर से कान्ट्रैक्टर द्वारा भूमि अधिग्रहण, आरएंडआर, खदान के विकास योजना, संचालन, कोयला उत्पादन, कोयला प्रेषण आदि सभी गतिविधियों को पूरा किया जाएगा। इस खदान को मेसर्स सूसी चन्द्रगुप्त कोल माइन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित एवं संचालित किया जाएगा। उक्त कंपनी में एक एसपीवी (स्पेशल पर्पस वेइकल) जिसमें सुशी इंफ्रा एंड माइनिंग लिमिटेड और एमआरकेआर कंस्ट्रक्शन एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
परियोजना में अत्याधुनिक तकनीक से बेहतरीन पर्यावरण को सुनिश्चित करते हुए सभी खनन कार्य किये जाएंगे। पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित नहीं होने दिया जायेगा। इस परियोजना पर लगभग 3437 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय होगा। परियोजना के खुलने से आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीणों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का अवसर भी मिलेगा। साथ ही, कंपनी अपने सीएसआर योजना के अंतर्गत विभिन्न कल्याणकारी कार्यों के माध्यम से आसपास के क्षेत्रों में चहुमुखी विकास होगा।
इस परियोजना में खनन गतिविधि प्रारंभ होने से सीसीएल को 100 एमटी से अधिक का वार्षिक उत्पादन प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी, जो भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान होगा।