रांची। दुनिया में बहुत से ऐसे लोग या जानवर होते है जिन्हे कई तरह की सहायता की जरूरत होती है, ऐसे में इनके लिए स्वेच्छा से एनजीओ वाले आगे आते है। इन्ही को समर्पित यह दिवस मनाया जाता है।
इस दिन उन लोगों के प्रोत्साहन के लिए मनाया जाता है जो दिन-रात मानव और पशुओं के लिए किसी ना किसी एनजीओ में कार्यरत है। इनके सम्मान में पूरी दुनिया भर में ‘विश्व एनजीओ दिवस’ मनाया जाता है। पहली बार विश्व एनजीओ दिवस 27 फरवरी 2014 को मनाया गया था। NGO की पूरा नाम Non Government Organization यानी गैर सरकारी संस्था है।
दरअसल एनजीओ का कार्य किसी एक विशेष क्षेत्र में जरूरतमंद लोगों की मदद करना। सरकार इन्हे आर्थिक सहयोग देकर प्रोत्साहित करती हैं। पहला विश्व एनजीओ दिवस पहली बार फिनलैंड देश में फिनलैंड के विदेश मंत्रालय द्वारा होस्ट किया गया।
विश्व भर के सभी देशों में कई तरह के एनजीओ कार्य करते है जो भोजन, आवास, शिक्षा और उपचार जैसी जरूरी चीजें जरूरतमंद लोगों को देते है और उनसे किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लेते है। इसकी सराहना करने हेतु और उन्हें इस नेक काम के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इस दिन को पूरी दुनिया में मनाया जाता है।
ये है उद्देश्य
इस दिवस का एक खास उद्देश्य है, दरअसल इसका उद्देश्य उन सभी लोगो की पहचान करना जो निस्वार्थ भाव से लोगों और जानवरों की सेवा करते है और उनका सम्मान करना है।
क्या है इतिहास
आपको बता दें कि बाल्टिक सागर राज्यों ने साल 2010 में बाल्टिक सागर एनजीओ फोरम के सदस्यों और परिषद ने आधिकारिक सदस्यों ने आधिकारिक तौर पर विश्व एनजीओ दिवस मनाने का निर्णय लिया था। जो बाद में संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा 27 फरवरी 2014 को घोषित हुआ। तब से लेकर आज तक हर साल 27 फरवरी को यह दिन पुरे दुनिया में मनाया जाता है।