बिहार के इस डॉक्टर दंपती ने देखा बमबारी में 14 लोगों की मौत का मंजर, बच्चों संग बंकर में ले रखी है शरण

देश बिहार
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सीतामढ़ी। यूक्रेन की राजधानी कीव में हो रही बमबारी के बीच घोड़ासहन के डॉक्टर दंपती अपने दो बच्चों के साथ फंसे हुए हैं। बगल के अपार्टमेंट में रूसी सैनिकों की बमबारी से 14 लोगों की हुई मौत का मंजर अपनी आंखों से देख जान बचाने के लिए बंकर में छिपे हैं।

उनके भाई नितेश चंद्रा ने बताया कि भाई का परिवार अपनी आंखों के सामने 14 लोगों की मौत देख दहशत में है। घोड़ासहन बाजार के डाक बंगला मुहल्ला निवासी श्यामसुंदर जायसवाल के पुत्र डॉ सतीश चंद्रा करीब 15 वर्षों से यूक्रेन के वेस्टर्न कीव में सरकारी हॉस्पिटल में कैंसर के डॉक्टर हैं।

अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ वहां रहते हैं। वह जिस अपार्टमेंट में रहते हैं, उसके बगल में बमबारी हुई। इसमें पूरा मकान क्षतिग्रस्त हो गया। उसमें रह रहे 14 लोगों की मौत हो गई। नितेश ने बताया कि बिगड़ते हालात के बीच भारत ने वहां रह रहे लोगों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया कि वेस्टर्न कीव की तरफ गए हैं, तो अपने घरों की तरफ लौट आएं।

एडवाइजरी के बाद वह शुक्रवार की सुबह 11 बजे अपने बंगले में गए, लेकिन हालात काफी खराब हैं। एटीएम खुली है, लेकिन पैसे नहीं हैं। सबकुछ खत्म हो गया है। यूक्रेन सरकार के फरमान के अनुसार जब भी सायरन बजता है, लोग अपने घर छोड़ बंकर तथा मेट्रो में छिप रहे हैं।

इधर सीतामढ़ी के गोढ़ौल शरीफ गांव निवासी पूर्व प्रखंड प्रमुख हुकुमदेव नारायण यादव व शोभा देवी की पुत्री कुमारी संजना यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। वह भी वहां बंकर में छिपकर जान बचा रही हैं।