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वित्त वर्ष 2022-23 का बजट आज यानी 1 फरवरी को पेश होगा। मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना चौथा बजट पेश करने वाली हैं।
भारत में बजट का इतिहास 160 साल से भी ज्यादा पुराना है। इस दौरान बजट में कई बड़े बदलाव हो चुके हैं। बजट पेश किए जाने के दिन से लेकर समय तक को बदला जा चुका है, आइए जानते हैं उन 5 वित्त मंत्रियों के बारे में, जिन्होंने बजट में बड़े बदलाव किए.
ब्रिटिश शासन काल में भारत की अर्थव्यवस्था का लेखा-जोखा और आय-व्यय का हिसाब तय करने का काम दी इकोनॉमिस्ट अखबार शुरू करने वाले अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन को दिया गया। विल्सन ने 1860 में भारत का पहला बजट पेश किया। यहीं से भारत में इनकम टैक्स की शुरुआत हुई।
भारत की आजादी के बाद आर० के० शनमुखम चेट्टी पहले वित्त मंत्री बनाए गए। उन्होंने 26 नवंबर 1947 को आजाद भारत का पहला बजट पेश किया। वे 1 साल ही इस पद पर रहे।
आजाद भारत के बजट में पहला बड़ा बदलाव तीसरे वित्त मंत्री सीडी देशमुख के कार्यकाल में हुआ। भारत में पंचवर्षीय योजना की शुरुआत हुई। उन्होंने जब 1951 में अपना पहला बजट पेश किया तो पहली बार इसके दस्तावेज हिन्दी में प्रिंट हुए।
इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री थीं, तो करीब 1 साल 16 जुलाई 1969 से 27 जून 1970 तक वित्त मंत्रालय का प्रभार अपने पास रखा। 1970 में बजट संसद में पेश करने वाली पहली महिला का रिकॉर्ड दर्ज है।
प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की। आज अगर भारत की गिनती दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में होती है, तो इसका सबसे ज्यादा श्रेय 1991 के ऐतिहासिक बजट को जाता है। मनमोहन सिंह ने अपने भाषण का समापन रोबर्ट फ्रोस्ट की कविता से किया।
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में जब यशवंत सिन्हा वित्त मंत्री बने तो उन्होंने यह परंपरा बदल दी। 27 फरवरी 1999 को उन्होंने अंग्रेजों वाली परंपरा बदलकर पहली बार सुबह में भारत का बजट पेश किया। तब से बजट को सुबह ही पेश किया जाता है।
निर्मला सीतारमण भारत की पहली महिला वित्त मंत्री हैं। इंदिरा गांधी के बाद वही दूसरी महिला हैं, जिन्हें बजट पेश करने का अवसर मिला है। सबसे पहले निर्मला ने 2019 में वित्त मंत्री बनते ही ब्रीफकेस में बजट पेश करने की परंपरा बदल दी।
उसके बाद 2021 में जब उन्होंने तीसरा बजट पेश किया, तो प्रिंट करने की परंपरा समाप्त कर डिजिटल बजट पेश किया। बजट की तैयारी से पहले होने वाले हलवा समारोह की परंपरा भी इस बार बदल गई। इस बार वह अपना चौथा बजट पेश करने जा रही हैं।