ग्राम विकास में युवाओं की भूमिका प्रभावी एवं अहम : अनिल ठाकुर

झारखंड
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रांची। रांची विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्‍वावधान में 7 फरवरी, 2022 को रांची स्थित स्थानीय बेतार केंद्र सभागर में संगोष्ठी का आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता रांची विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू डॉ राजकुमार शर्मा ने की। इसका विषय ‘ग्राम विकास में युवाओं का योगदान’ था।

मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख अनिल कुमार ठाकुर ने कहा कि ग्रामीण विकास में युवाओं की भूमिका प्रभावी एवं अहम है। जब तक गांव का  शत प्रतिशत विकास नहीं होगा, तब तक भारत को विकसित नहीं बनाया जा सकता है। इसके लिए युवा गांव में जाकर ग्रामीणों को जागरूक करने का सकारात्मक एवं सामूहिक  प्रयास करें। युवा गांव में पंचायत या अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ सहयोग करके सरकार की ग्राम सभा/ पंचायतों की विभिन्न योजनाओं में तालमेल बैठाकर गांव के विकास में सहभागी बनें।

डॉ शर्मा ने कहा कि गांव का विकास युवा के बिना अधूरा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था जब तक गांव का विकास नहीं होगा, तब तक भारत का विकास नहीं हो सकता। आज शहरी एवं ग्रामीण परिवेश में संतुलन बनाकर सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि युवा अपनी ऊर्जा का उपयोग ग्राम से लेकर देश के विकास में करें।

विशिष्ट वक्ता क्षेत्र सेवा प्रमुख अजय कुमार ने कहा कि देश में ग्राम और शहरी स्तर पर अनेक प्राकृतिक आपदाएं आती है, जिससे देश में जन व धन की हानि होती है। अगर युवा इन प्राकृतिक आपदाओं से निपटने का प्रशिक्षण प्राप्त कर कार्य करें तो हम अनावश्यक धन व जन हानि से बच सकते हैं।

संगोष्ठी का विषय प्रवेश एनएसएस के विश्वविद्यालय कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने कराया। उन्‍होंने कहा कि देश की युवा पीढ़ी नए विचारों की स्रोत हैं। उनके सोचने का ढंग और उनका व्यवहार बदलने में अहम है, क्योंकि युवा शक्ति अपने चारों ओर के वातावरण से संतुष्ट नहीं हैं। बड़े बदलाव की अपेक्षा है। संगोष्ठी का संचालन एनएसएस के संत जेवियर कॉलेज के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ कमल कुमार बोस ने किया। धन्यवाद मारवाड़ी कॉलेज के कार्यक्रम पदाधिकारी अनुभव चक्रवर्ती ने किया।

संगोष्ठी के अंत में भारत रत्न और स्वर कोकिला एवं प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

संगोष्ठी को सफल बनाने में एनएसएस के स्वयंसेवक क्रमशः दिवाकर, प्रिंस, आभास, नैंसी, फलक, वीणा, मोहित, पवन, आमरीन, श्रद्धा, दिनकर, रीमा, अंकित, पूनम, आकाश, शुभम, अविनाश आदि का योगदान रहा।