सांसद के सवाल पर बोले केंद्रीय शिक्षा मंत्री, स्कूलों के फीस पर राज्य का होता है नियंत्रण

झारखंड शिक्षा
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रांची। झारखंड की राजधानी रांची के भाजपा सांसद संजय सेठ ने लोकसभा में स्कूलों के शिक्षण शुल्क बढ़ाने, कोरोना संक्रमण काल में शिक्षण शुल्क माफ करने से संबंधित सवाल भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से पूछा। सांसद ने पूछा कि क्या सरकार ने स्कूलों के ट्यूशन फी से संबंधित व्यवस्था को लेकर कोई निर्देश दिया है? क्या विशेष रूप से निम्न आय वर्ग के परिवारों के बच्चों के लिए कोई दिशानिर्देश हो तो, उसकी जानकारी दी जाए। कोरोना संक्रमण काल में अनाथ हुए बच्चों, व्यवसाय प्रभावित हुए अभिभावकों को स्कूली शिक्षा में राहत दिए जाने से संबंधित कोई व्यवस्था है क्या?

इन सवालों के जवाब में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने सांसद को बताया कि शिक्षा पूरी तरह से राज्यों का विषय है। स्कूलों में शिक्षण शुल्क माफ करना हो और इस तरह के अन्य दिशा निर्देश दिए जाने हो तो यह कार्य राज्य सरकार द्वारा ही किया जाता है। शुल्क का निर्धारण और शुल्क का मूल्यांकन कार्य भी राज्य सरकार के जिम्मे है।

केंद्रीय मंत्री ने सदन में कहा कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के दिशा निर्देशों के आधार पर स्कूलों को शुल्क तय करना होता है। यदि कोई विद्यालय शुल्क बढ़ाता है या ऐसा कोई नया फैसला लेता है तो इस पर राज्य सरकार का निर्देश ही मान्य होता है।

इसके बाद सांसद ने कहा कि कुछ दिन पूर्व भी मैंने राज्य के मुख्य सचिव से स्कूलों का शिक्षण शुल्क माफ करने, कम करने और किस्तों में जमा करने की सुविधा दिए जाने से संबंधित पत्राचार किया था। राज्य सरकार को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए, ताकि कोरोना संक्रमण काल में प्रभावित हुए परिवारों को राहत मिल सके। उनके बच्चों की शिक्षा जारी रह सके।