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आमतौर पर देश के वित्तमंत्री ही केंद्रीय बजट को संसद में पेश करते हैं, पर भारत के इतिहास में अबतक तीन बार तत्कालीन प्रधानमंत्रियों को बजट पेश करना पड़ा। ये तीन प्रधानमंत्री थे जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी। इन प्रधानमंत्रियों को किन हालात में बजट पेश करना पड़ा आज हम उसके बारे में आपको बताने जा रहे हैं।
जवाहरलाल नेहरू
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पास पीएम रहते हुए दो बार वित्त मंत्रालय भी रहा। पहली बार उन्होंने 24 जुलाई 1956 से लेकर 30 अगस्त 1956 तक वित्त मंत्रालय का पदभार संभाला। इसके बाद दूसरी बार13 फरवरी 1958 से लेकर 13 मार्च 1958 तक उन्होंने महज़ 29 दिन के लिए वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला। इस दौरान उन्होंने बजट भी पेश किया है। यह पहला मौका था, जब देश के पीएम ने बजट पेश किया था। दरअसल, नेहरू सरकार में वित्त मंत्री टीटी कृष्णमचारी थे। उन्हें मूंदड़ा घोटाले की वजह से पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस वजह से वित्त मंत्रालय का प्रभार पीएम नेहरू के पास आ गया और उन्होंने ही संसद में बजट पेश किया।
इंदिरा गांधी (1970-71)
पं: नेहरू के बाद इंदिरा गांधी देश की ऐसी दूसरी प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने बजट पेश किया। दरअसल, इंदिरा सरकार में वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के इस्तीफे के बाद उन्होंने वित्त मंत्री का पोर्टफोलियो संभाला। इंदिरा ने 1970-71 का बजट पेश किया। इस तरह उन्हें भी हालात के चलते ही वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल कर संसद में बजट पेश करना पड़ा।
राजीव गांधी (1987-88)
बजट पेश करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी गांधी-नेहरू परिवार से ही थे। संयोगवश इन्हें भी तत्कालीन वित्त मंत्री वीपी सिंह के इस्तीफे के कारण संसद में बजट पेश करना पड़ा था। दरअसल, पीएम के साथ मतभेद और राजनीतिक गतिरोध के बाद वीपी सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और उनके सरकार से बाहर होने के बाद राजीव गांधी ने वित्त मंत्री का पदभार संभाला। राजीव गांधी ने 1987-88 का बजट पेश किया था।