रेड रिबन क्‍लब के माध्‍यम से झारखंड में दूर होगी खून की कमी

झारखंड
Spread the love

  • राज्‍य के विभिन्‍न कॉलेजों में 200 क्‍लब गठन का लक्ष्‍य

रांची। झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के परियोजना निदेशक के निर्देश के आलोक में पूरे राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों में ‘रेड रिबन क्लब’ का पुनर्गठन करना है। इस निर्देश के आलोक में रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत कार्यरत विभिन्न महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय विभागों की एनएसएस इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारियों की 31 जनवरी, 2022 को ऑनलाइन मीटिंग हुई।

राज्य एनएसएस पदाधिकारी सह रांची विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने बताया कि झारखंड में रक्तदान करने के लिए युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्‍य से क्‍लब का गठन किया जा रहा है। साथ ही, एड्स के संक्रमण से बचाव को लेकर महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के विभागों के परिसरों में जागरुकता कार्यक्रम किये जायेंगे।

डॉ कुमार ने बताया कि झारखंड में रक्त की कमी को एनएसएस के युवाओं के माध्यम से दूर करने की कोशिश की जाएगी। पूरे झारखंड में लगभग 200 क्‍लब का गठन करने का लक्ष्य है।

ऑनलाइन मीटिंग में एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी क्रमशः डॉ कुमारी उर्वशी, डॉ पुष्पा सुरीन, डॉ कंचन कुमारी, डॉ निर्मला सैमुअल, डॉ भारती द्विवेदी, डॉ रीता कुमारी, डॉ सुब्रतो सिन्हा, डॉ राधेश्याम डे, अनुभव चक्रवर्ती, डॉ विद्याशंकर, डॉ नीतू कुमारी, डॉ प्रेमा कुमारी, शालिनी, विश्वनाथ मुंडा, डॉ बीएन हजाम सहित कई कार्यक्रम पदाधिकारी शामिल रहें।

मीटिंग में लिए गए निर्णय

1. प्रत्येक महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय विभागों में रेड रिबन क्लब का गठन 4 फरवरी, 2022 तक करना है।

2. प्रत्येक क्‍लब में एनएसएस के 20 स्वयंसेवक (10 पुरुष एवं 10 महिला) सदस्य के रूप में शामिल होंगे (महिला महाविद्यालय में 20 लड़कियां ही रहेंगी)।

3. प्रत्येक रेड रिबन क्लब के चेयरपर्सन महाविद्यालय के प्राचार्य और विश्वविद्यालय विभाग के अध्यक्ष और एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी संयोजक होंगे।

4. रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत 100 क्‍लब का गठन किया जाएगा।

5. फरवरी के दूसरे सप्ताह में सभी क्‍लब के सदस्य एवं संयोजकों के ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।