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प्रोसेसिंग यूनिट से किसान होंगे सबल, 3575 लोगों को मिलेगा रोजगार

कृषि झारखंड
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  • निवेशकों को मिल रहा प्रोत्साहन

रांची। झारखंड कृषि विरासत वाला एक समृद्ध राज्य है। इसकी समृद्धि के वाहक राज्य के मेहनती किसान हैं। इन किसानों की प्रगति वर्तमान सरकार की प्राथमिकता में है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर राज्य में चावल उत्पादन को मजबूत करने के लिए पहल हुई है, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। इसके लिए जियाडा द्वारा रियायती दर पर चावल मिलों को भूमि उपलब्ध कराकर निवेशकों को नई मिल खोलने के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य शुरू किया गया है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने पलामू, गढ़वा, सिमडेगा, खूंटी, गुमला, लातेहार, पश्चिमी सिंहभूम, धनबाद, बोकारो और गोड्डा में एक साथ मिलों का शिलान्यास किया। इससे 3575 लोगों को प्रत्‍यक्ष रोजगार मिलेगा। वर्तमान में 16 राइस मिल कार्यरत है। इससे 1028 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है।

नीति के उद्देश्य और उपलब्धियां

राज्य सरकार प्रसंस्करण के स्तर, किसानों की आय के साथ निर्यात बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचा का निर्माण, बाजार के लिए जगह और किसानों के सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रही है। सरकार का लक्ष्य अच्छी तरह से सुसज्जित आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से उत्पादक समूहों को बाजारों से जोड़ना है। वर्तमान में राज्य में राइस प्रोसेसिंग यूनिट 16, वीट प्रोसेसिंग यूनिट 16, सब्जी एवं फल प्रोसेसिंग यूनिट 4, मिल्क प्रोसेसिंग 5, बेकरी प्रोसेसिंग 9, अन्य खाध्य प्रसंस्करण 16, फीड प्रोसेसिंग की 11 यूनिट कार्यरत हैं। इन प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना से राज्य की अर्थव्यवस्था को सहयोग और निवेशकों को प्रोत्साहन मिल रहा है।

भूमि की उपलब्धता पर भी ध्यान

राज्य सरकार निवेश को बढ़ावा देने और उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर रही है। इसके लिए राज्य भर के औद्योगिक क्षेत्र में 1044 एकड़ भूमि आवंटन के लिए उपलब्ध है। आदित्यपुर में 4531.99 एकड़ भूमि में 237 एकड़ आवंटन के लिए, रांची में 1964.45 एकड़ भूमि में 365 एकड़ आवंटन के लिए, बोकारो में 1604.36 उपलब्ध भूमि में 34 एकड़ आवंटन के लिए एवं संथाल परगना में 4531.99  एकड़ भूमि में 406 एकड़ भूमि आवंटन के लिए उपलब्ध है।