- शिक्षा सचिव ने उपायुक्तों को शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त करने का निर्देश दिया
रांची। झारखंड के सरकारी स्कूल के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति से पहले विभाग की अनुमति लेनी होगी। अतिविशिष्ट स्थिति में ही शिक्षकों की प्रतिनियुक्त की जाएगी। उक्त निर्देश स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा ने उपायुक्तों को दिया है। उन्होंने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने को भी कहा है। इस बाबत सचिव ने 4 फरवरी को पत्र लिखा है।
सचिव ने पत्र में लिखा है कि शिक्षा के गुणात्मक विकास में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। शिक्षकों के अभाव को दूर करने के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग सतत् प्रयत्नशील रहा है। हालांकि यह भी आवश्यक है कि कार्यरत शिक्षकों द्वारा सुचारू रूप से शैक्षणिक कार्य निष्पादित किया जाय। यह तब ही संभव है, जब शिक्षक विद्यालयों में निर्धारित संपूर्ण कार्यावधि में उपस्थित रहें।
सचिव ने लिखा है कि प्रायः ऐसा देखा जाता है कि शिक्षकों की प्रतिनियक्ति गैर शैक्षणिक कार्यों में प्रशासी विभाग की अनुमति, स्वीकृति या परामर्श के बगैर ही की जाती है। उल्लेखनीय है कि विद्यालयों में शिक्षकों के कमी से विद्यार्थियों के पठन-पाठन एवं अन्य शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जो छात्रहित के दृष्टिकोण से सर्वथा अनुचित एवं अव्यवहारिक है। ऐसी परिस्थिति में छात्रहित को सर्वोपरि एवं दृष्टिगत रखते हुए विद्यालयी पाठ्यक्रम, पाठ्य सहगामी गतिविधियों और क्रियाकलापों को ससमय गुणवत्तापूर्वक पूर्ण किया जाए। इस दिशा में सभी शिक्षक का सक्रिय एवं सार्थक सहयोग वांछनीय है। इस निमित्त विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य है।
सचिव ने लिखा है कि छात्रहित को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाने के लिए मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा पूर्व में भी सभी को अवगत कराया गया है। अपरिहार्य स्थिति में यथा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 धारा, निर्वाचन आयोग, विभागीय दिशानिर्देश एवं अतिविशिष्ट स्थिति में ही शिक्षकों की प्रतिनियुक्त की जाए। अन्यथा सक्षम प्राधिकार स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से पूर्वानुमति प्राप्त कर अल्पअवधि के लिए ही उनकी प्रतिनियुक्ति की जाय।
उक्त परिप्रेक्ष्य में छात्रहित को दृष्टिगत रखते हुए अन्य कारणों से प्रतिनियुक्त सभी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द करना सुनिश्चित किया जाए। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से अलग रखने के लिए पूर्व में प्रदत्त निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। कृपया इसे प्राथमिकता दी जाय।